कोलकाता, समाज्ञा : कोरोना वायरस, जो आज पूरे विश्व को अपने चपेट में ले रखा है। इस महामारी के कारण पूरे विश्व में भयावह स्थिति बन गई है। विश्व के अधिकतर देशों ने इस महामारी से बचाव के लिए लॉकडाउन कर दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस संक्रमण को रोकने के लिए नियमित समय पर हाथ धोने, मास्क पहनने और एक-दूसरे से कम से कम एक मीटर दूरी बनाए रखने की सलाह दी है। ताकि, यह महामारी किसी दूसरे में संचारित न हो सके। रिपोर्ट के अनुसार, आज पूरे विश्व में 4.88 लाख से अधिक लोग इस महामारी से संक्रमित है और 22 हजार से अधिक लोगों की इससे मौतें हुई हैं। वहीं, भारत भी इस महामारी से अछूता नहीं रहा है। वर्तमान में, भारत में 661 लोग इस महामारी से संक्रमित हैं, जबकि 16 लोगों की इससे मौत हो गई है। वहीं, अगर बात करें पश्चिम बंगाल की, तो यहां 11 मामले सामने आए हैं, जिसमें से एक की मौत हो गई है। दूसरे देशों की तरह भारत में भी इस महामारी से बचाव के लिए लॉकडाउन का रास्ता अपनाया हैं। इस बीच, गत मंगलवार की रात करीब 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए गत गुरुवार से आगामी 21 दिनों तक पूरे देश को लॉकडाउन रखने का निर्देश दिया है। इस संबंध में, गृह मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों में दिशानिर्देश जारी किए गए है। इसके तहत देशवासियों को इस महामारी से बचाव के लिए अगले 21 दिनों तक घरों में रहना होगा। इस संबंध में, पश्चिम बंगाल सरकार ने भी दिशा निर्देश जारी किए हैं। लोगों को घरों में रखने के लिए प्रशासन पूरी पुरजोर कोशिश भी कर रही है। इस बीच, देखा जा रहा है कि कई लोग इस लॉकडाउन की अवमानना कर बिना किसी काम के आराम से सड़कों पर इधर-उधर घूम रहे है। साथ ही, डब्ल्यूएचओ की सलाह को दरकिनार करते हुए सड़कों पर लोग बिना मास्क लगाए एवं बिना दूरी बनाए एक-दूसरे से बातें कर रहे हैं। वहीं, इस बात की सत्यता जांचने के लिए समाज्ञा की टीम सड़कों पर निकली और देखा कि जोड़ासांको थाना अंतर्गत एम.जी रोड क्रॉसिंग पर लोग बिना मास्क लगाए एवं बिना दूरी बनाए एक-दूसरे से बातें कर रहे हैं। साथ ही, सड़कों पर घूम रहे हैं। समाज्ञा की टीम ने उनसे बात की और उसकी ग्राउंड रिपोर्ट पाठकों को पेश कर रही है।
मो. आरिफ का कहना है कि घर पर बैठे-बैठे उब गए हैं। मन नहीं लग रहा है, इसलिए हवा खाने के लिए बाहर निकले हैं।
अफजल शेख का कहना है कि आपको इससे क्या दिक्कत है। हम चाहे कुछ भी करे, आप कौन होते हैं बोलने वाले।
कुछ स्थानीय युवकों ने कहा कि वह लोग नमाज पढ़ने जा रहे हैं। लेकिन, जब उनसे पूछा गया कि समय से पहले नमाज अदा करने के लिए सड़कों पर क्यों घूम रहे हैं, तो इस पर उन्होंने कहा कि दस मिनट पहले निकल गए, तो क्या हुआ
मो. सकील हसन ने कहा कि सावधानी बरतने के लिए हर समय घर में रहना जरूरी नहीं है। हम काम-काजी लोग है, घर पर बिना कुछ किए बैठा नहीं जाता है।
क्या इस आपातकालीन स्थिति में घर से भगवान नहीं सुनेगा अपने भक्तों की आवाज
एक ओर जहां प्रशासन और राज्य सरकार लोगों को घरों में रखने की पुरजोर कोशिश कर रही है। वहीं दूसरे ओर, इस आपातकालीन स्थिति में देश के बड़े-बड़े मंदिर-मस्जिदों व चर्च को बंद कर दिया गया है। लेकिन, इस बीच देखा जा रहा है कि लोग पूजा-पाठ का हवाला दे रहे हैं। यह काफी गंभीर व संवेदनशील मामला है। इस पूजा-पाठ और नमाज के कारण मंदिर-मस्जिद में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होंगे और लोगों के बीच संक्रमण फैलने का डर रहेगा, तो क्या लोग घरों में बैठकर अपने भगवान की पूजा नहीं कर सकते हैं। क्या मंदिर-मस्जिद में जाकर ही उनकी पूजा सफल होगी? यह एक बड़ा सवाल है जो आपको इसका जवाब देना है।
सड़कों पर बेवजह घूमना कितना फायदेमंद है?
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एवं उनकी सरकार सड़कों पर उतरकर लोगों को जागरूक कर रही हैं। लोगों को सोशल डिस्टेंशिंग के बारे में सबको बता रही है। यहां कि गाड़ी द्वारा इसका प्रचार किया जा रहा है। इसके बावजूद लोगों में जागरुकता की कमी है। इस तरह लोग सड़कों पर घूम-घूमकर सिर्फ अपनी ही नही, बल्कि अपने परिवार व अपने करीबी लोगों के जीवन को भी खतरे में डाल रहे हैं।