नई दिल्ली: आज पीएम मोदी ने ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन प्रोग्राम (पारदर्शी टैक्सेशन व्यवस्था-ईमानदारों को सम्मान) की लॉन्चिंग की। इसके तहत 3 सुविधाएं शुरू की गई हैं, जो फेसलेस असेसमेंट, फेसलेस अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर हैं। फेसलेस असेसमेंट और टैक्सपेयर्स चार्टर अभी से लागू हो गए हैं, जबकि फेसलेस अपील 25 सितंबर से लागू होगी। इस नए सिस्टम के जरिए ईमानदार टैक्सपेयर्स को मजबूत करने की कोशिश की जा रही है। अब अधिकतर लोगों के मन में ये सवाल है आखिर ये फेसलेस सुविधा कैसी होगी और इसमें क्या होगा।
फेसलेस असेसमेंट को समझें?
फेसलेस का मतलब टैक्सपेयर कौन है और आयकर अधिकारी कौन है, उससे कोई मतलब नहीं होना चाहिए। पहले शहर का ही आयकर विभाग छानबीन करता था, लेकिन अब किसी भी राज्य या शहर का अधिकारी कहीं की भी जांच कर सकता है। ये सब भी कंप्यूटर से तय होगा कि कौन सा टैक्स असेसमें कौन करेगा। यहां तक कि असेसमेंट से निकला रिव्यू भी किस अधिकारी के पास जाएगा, ये किसी को पता नहीं होगा। इसका सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि आयकर अधिकारियों से जान पहचान बनाने और दबाव बनाने के हथकंडे भी नहीं चलेंगे। इससे अनावश्यक मुकदमेबाजी से भी बचा जा सकेगा। उन लोगों के इससे दिक्कत होगी, जो गलत तरीके अपनाते थे और टैक्स नहीं भरते थे।