गरियाहाट में युवक और गर्भवती महिला आई कोरोना की चपेट में
कोलकाता में टेस्ट ज्यादा नहीं होने से मरीजों को चिन्हित कर पाने में परेशानी का आरोप
बबीता माली
कोलकाता : कोरोना वायरस का संक्रमण दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। रोजाना ही संक्रमितों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। पहले जिन मरीजों में तेज बुखार, सर्दी, खांसी और गले में दर्द का लक्षण पाए जा रहे थे उन्हें कोरोना पॉजिटिव बताया जाता था। मगर कोरोना ने धीरे – धीरे अपना लक्षण बदलना शुरू कर दिया है। हल्का बुखार भी कोरोना पॉजिटिव का लक्षण उभरकर सामने आ रहा है। इसका एक उदाहरण जोड़ा बागान थाने के सब इंस्पेक्टर है। जिसे पहले हल्का बुखार आया था लेकिन बाद में टेस्ट किया गया तो पता चला कि वह कोरोना पॉजिटिव है। वहीं अभी एक और मामला सामने आया है जिसमें एक गर्भवती महिला कोरोना पॉजिटिव बताई जा रही है मगर इस मामले में एक अलग बात यह है कि उस गर्भवती महिला को पता ही नहीं था कि वह कोरोना पॉजिटिव है। दरअसल, उसकी डिलीवरी होने वाली थी। डिलीवरी से पहले उसका कुछ मेडिकल टेस्ट हुआ जिसके बाद पता चला कि वह कोरोना पॉजिटिव है। उक्त गर्भवती महिला गरियाहाट थानांतर्गत जमीर लेन की रहने वाली है। 29 वर्षीया महिला को शुक्रवार को मेडिका में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है जहां उसका इलाज चल रहा है। हालांकि अभी डॉक्टर कुछ नहीं बता पा रहे है कि बच्चा और मां की हालत खतरे से बाहर है या नहीं।
इलाजरत युवक पाया गया कोरोना पॉजिटिव
सूत्रों ने बताया कि गरियाहाट थानांतर्गत पंडितिया पैलेस इलाके के फ्लैट में रहने वाले २६-२७ वर्षीय युवक को कुछ दिनों पहले कोरोना के लक्षण मिलने के बाद ही एम आर बांगड़ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शनिवार को उसका रिपोर्ट आया तब पता चला कि वह कोरोना पॉजिटिव है। सूत्रों की माने तो कोलकाता में युवक के संक्रमण की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। हालांकि पहले ही एडवायजरी बोर्ड के एक्सपर्ट का दावा था कि भारत में युवाओं में ज्यादा संक्रमण सामने आ रहे है
कोलकाता में टेस्ट नहीं होने से मरीजों को चिन्हित करने में हो रही है परेशानी
कोलकाता, हावड़ा, उत्तर २४ परगना और अब पूर्व मिदनापुर रेड जोन में है। विशेषज्ञों का कहना है कि हावड़ा की स्थिति पहले से बेहतर है। हावड़ा में टेस्ट ज्यादा हुई है जिससे मरीजों को चिन्हित कर इलाज करवाया जा रहा है जिससे संक्रमण पर नियंत्रण रखने में सफलता मिल रही है। मगर कोलकाता की स्थिति काफी सोचनीय हैं विशेषज्ञों की माने तो जितना टेस्ट होना चाहिए कोलकाता में, उतनी नहीं हो रही है। टेस्ट कम होने से मरीजों को चिन्हित करने में परेशानी हो रही है और संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है। ग्लोबल एडवायजरी बोर्ड के एक्सपर्ट भी यही कह रहे है।