रेलवे ने रोगियों, छात्रों और दिव्यांगों को छोड़ अन्य श्रेणियों की रियायती टिकटें स्थगित की

नयी दिल्ली : भारतीय रेलवे ने कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए गैर जरूरी यात्राओं को हतोत्साहित करने के लिए 20 मार्च की आधी रात से रोगी,छात्र और दिव्यांग श्रेणी को छोड़कर सभी श्रेणियों की रियायती टिकटों को स्थगित करने का फैसला किया है। रेलवे ने गुरुवार को इसकी जानकारी दीरेलवे ने कहा कि इस फैसले का उद्देश्य कोरोना के खतरे के मद्देनजर सबसे असुरक्षित वर्ग में शामिल वरिष्ठ नागरिकों को गैर जरूरी यात्रा करने से रोकना है। रेलवे ने आदेश में कहा, ‘‘ कोरोना वायरस को लेकर जारी स्वास्थ्य परामर्श और यात्रियों को गैर जरूरी यात्रा करने से हतोत्साहित करने के लिए विशेष परिस्थितियों में फैसला किया गया है कि अनारक्षित टिकट प्रणाली (यूटीएस) और यात्री आरक्षण प्रणाली (पीआरएस) से किसी भी श्रेणी में रियायती टिकट जारी नहीं की जाएगी सिवाय छात्रों, दिव्यांग की चार श्रेणियों और रोगियों की 11 श्रेणियों में जारी होने वाले टिकटों के।’’ आदेश मे कहा गया, ‘‘उपरोक्त आदेश 20 मार्च 2020 को आरक्षित टिकटों और अगले आदेश तक जारी होने वाले टिकटों पर लागू रहेगा।’’ रेलवे ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली रियायत को इस वर्ग में कोरोना वायरस से सबसे अधिक खतरे और उच्च मृत्युदर की वजह से स्थगित किया गया है। रेलवे ने कोरोना वायरस बीमारी डाटा पर बने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के संयुक्त मिशन को उद्धृत किया है जिसमें 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को सबसे अधिक खतरा होने का संकेत किया है। रेलवे के अधिकारी ने बताया, ‘‘ 53 श्रेणियों में केवज 15 श्रेणियों में ही रियायती टिकट जारी किए जाएंगे। शेष 38 श्रेणियों में कोरोना वायरस के चलते छूट को वापस ले लिया गया है।’’ राष्ट्रीय ट्रांस्पोर्टर ने स्पष्ट किया है कि जिन श्रेणियों में छूट वापस ली गई है उनमें आरक्षित टिकट रद्द कराने पर निरस्तीकरण शुल्क नहीं लगेगा। उन्होंने बताया, ‘‘ अगर वरिष्ठ नागरिक फिर भी यात्रा करते हैं तो किराये में अंतर (पूरा किराया और रियायती किराया) को ऑनलाइन या रेलगाड़ी में वसूला जाएगा। हालांकि, 19 मार्च 2020 रात बारह बजे तक आरक्षित टिकटों पर किराये का अंतर नहीं वसूला जाएगा।’’ अधिकारी ने बताया, ‘‘रेलवे यात्रियों के लिए सभी एहतियातन कदम उठा रहा है। कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए सभी से सक्रिय सहयोग की जरूरत है।’’

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