नई दिल्ली : आर्टिकल 370 हटाने और जम्मू-कश्मीर को दो टुकड़ों में बांटकर उन्हें केंद्रशासित प्रदेश करने के मोदी सरकार के फैसले पर लोकसभा में संग्राम छिड़ा हुआ है। चर्चा के दौरान बढ़ती गहमा-गहमी के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने यहां तक कह दिया कि कश्मीर के लिए जान दे देंगे। संसद के इस निचले सदन में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पर चर्चा की मांग करते हुए गृह मंत्री अमित शाह को विपक्ष के कड़े तेवर का सामना करना पड़ रहा है। बाद में अन्य कांग्रेसी सांसद मनीष तिवारी ने भी सरकार की मंशा पर कई सवाल उठाए जिसका गृह मंत्री ने भी जोरदार जवाब दिया। लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा सरकार पर आरोप लगाया कि रातों-रात नियम-कानून का उल्लंघन करके जम्मू-कश्मीर को तोड़ा गया है। उन्होंने कहा, कि ’22 फरवरी, 1994 में इस सदन में जम्मू-कश्मीर को लेकर एक संकल्प लिया गया था। लेकिन, आप पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के बारे में सोच रहे हैं, ऐसा नहीं लगता है। आपने रातों-रात नियम-कानूनों का उल्लंघन करके एक स्टेट को दो टुकड़े करके संघशासित प्रदेश बना दिए।’ इस पर शाह ने स्पष्ट करने को कहा कि कौन सा नियम-कानून तोड़ा गया। उन्होंने कहा, ‘देश की सबसे बड़ी पंचायत में इस तरह जनरल बातें नहीं होनी चाहिए। कौन सा नियम तोड़ा, यह बताया जाए, मैं उसका उत्तर दूंगा।’ फिर कांग्रेस सासंद ने कहा कि ‘आपने कहा कि कश्मीर आंतरिक मामला है, लेकिन 1948 से संयुक्त राष्ट्र की नजर यहां पर बनी हुई है।’ अधीर के इस बयान को बीच में काटते हुए गृह मंत्री ने कहा पूछा कि क्या कांग्रेस का यह स्टैंड है कि यूनाइटेड नेशन कश्मीर को मॉनिटर कर सकता है? इस पर कांग्रेस सांसद फिर से बैकफुट पर आ गए और कहा कि वह सिर्फ स्पष्टीकरण चाहते हैं। वह सिर्फ जानना चाहते हैं कि स्थिति क्या है?
लोकसभा में संग्राम, शाह बोले- कश्मीर के लिए जान दे देंगे
