संसद में शाह ने चार बार दिया बयान, बोले- फारूक अब्दुल्ला ना तो हिरासत में हैं और ना ही वह नजरबंद हैं, अपनी मर्जी से घर पर है

नई दिल्ली  : कश्मीर में जारी सियासी घटनाक्रम और लोकसभा में जम्मू-कश्मीरपुनर्गठन बिल पर बहस के बीच यह एक बड़ा सवाल बन गया कि फारूक अब्दुल्ला नजरबंद हैं या फिर अपनी मर्जी से घर पर हैं। संसद में गृहमंत्री अमित शाह ने चार बार बयान दिया कि फारूक अब्दुल्ला ना तो हिरासत में हैं और ना ही वह नजरबंद हैं। हालांकि, फारूक अब्दुल्ला ने खुद को नजरबंद बताते हुए गृहमंत्रालय के दावे को झूठा बताया है। कई विपक्षी नेताओं ने भी फारूक अब्दुल्ला को लेकर सवाल किया था। लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुर्नगठन बिल पर बहस के दौरान एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि आज के बहस में फारूक अब्दुल्ला की कमी महसूस हो रही है। इसके बाद गृहमंत्री अमित शाह ने खड़े होकर स्पष्ट किया कि फारूक अब्दुल्ला को ना तो गिरफ्तार किया गया है और ना ही नजरबंद हैं। वह अपनी मर्जी से घर पर हैं। इसके बाद सुले ने कहा कि वह बीमार हैं, इसलिए नहीं आए हैं। इस पर शाह ने कहा, इसके लिए मैं कुछ नहीं कर सकता, मैं डॉक्टर नहीं हूं। टीवी चैनलों पर फारूक अब्दुल्ला द्वारा खुद के नजरबंद बताए जाने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद शशि थरूर ने भी इस मुद्दे को उठाया। गृहमंत्री ने एक बार फिर कहा, ‘मैं तीन बार साफ कर चुका हूं, फिर से एक बार क्लियर करना चाहता हूं। फारूक अब्दुल्ला ना तो हिरासत में हैं ना नजरबंद हैं। अपने घर पर हैं। तबीयत भी अच्छी है। मौज मस्ती में हैं, आप मालूम कर लीजिए। उनको नहीं आना है तो हम गन कनपटी पर रखकर बाहर नहीं ला सकते हैं।’ कुछ ही देर बाद फिर विपक्ष ने फारूक अब्दुल्ला का मुद्दा उठाया तो अमित शाह ने कहा कि ‘मैं चौथी बार यह बता रहा हूं कि फारूक अब्दुल्ला ना तो नजरबंद हैं ना अरेस्ट किया गया है। सुबह जब यह मुद्दा उठा, मुझे मालूम था, लेकिन मैंने अपने कार्यालय में जाकर मुख्य सचिव और डीजीपी से बात करके रीकंफर्म किया और जिम्मेदारी के साथ सदन में बयान दिया। अधिरंजन जी, तबीयत ठीक नहीं होती तो छोड़ते नहीं हैं अस्पताल ले जाते। तबीयत ठीक नहीं होती तो वह बाहर नहीं आते। इसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि गृहमंत्री जी डॉक्टरों की एक और स्पेशल टीम भिजवा दीजिए उन्हें देखने के लिए।

 गृहमंत्रालय ने झूठ कहा: फारूक 
बाद में फारूक अब्दुल्ला ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, ‘गृहमंत्रालय ने संसद में झूठ बोला कि मैं नजरबंद नहीं हूं और अपनी मर्जी से घर में हूं। आपको लगता है मैं अपने घर में रहूंगा, जब मेरे राज्य को जलाया जा रहा है, मेरे लोगों को जेल में बंद किया जा रहा है।’ यह पूछे जाने पर कि वह आगे क्या करेंगे, अब्दुल्ला ने कहा, ‘हम लड़ेंगे, कोर्ट जाएंगे। हम बंदूक चलाने वाले नहीं हैं, हम पत्थर चलाने वाले नहीं हैं। हम हर मुद्दे को बातचीत से सुलझाने वाले लोग हैं।’ 

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