शुभेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस से नाता तोड़ा

कोलकाता : विधायक पद छोड़ने के एक दिन बाद, बृहस्पतिवार को शुभेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। इससे उनके इस सप्ताह भाजपा में शामिल होने के कायासों को बल मिला है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि कई नाराज नेता भी शुभेंदु अधिकारी के साथ हैं।
उल्लेखनीय है कि अधिकारी नंदीग्राम आंदोलन के चेहरा रहे हैं जिससे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राजनीतिक बढ़त मिली और वह वर्ष 2011 में पश्चिम बंगाल की सत्ता पर काबिज हुईं।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि अधिकारी ने अपना इस्तीफा बृहस्पतिवार दोपहर बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी को भेजा।
अधिकारी ने लिखा, ‘‘ मैं अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता और मेरे द्वारा ग्रहित पार्टी में और इससे जुड़े निकायों के पदों से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देने के लिए यह पत्र लिख रहा हूं।’’
तृणमूल कांग्रेस से दो दशक का नाता तोड़ने पर पार्टी के पूर्व वरिष्ठ नेता ने ममता बनर्जी को उन्हें अवसर देने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि पार्टी सदस्य के तौर पर बिताए गए समय का वह हमेशा कद्र करेंगे।
अधिकारी के कुछ समर्थकों ने संकेत दिया कि वह शनिवार को मिदनापुर में होने वाले भाजपा के कार्यक्रम के दौरान भगवा पार्टी में शामिल हो सकते हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी शनिवार को दो दिन के पश्चिम बंगाल दौरे पर जा रहे हैं और वह भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।
अधिकारी के तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफे के बाद उन सभी कयासों पर विराम लग गया है जो 26 नवंबर को उनके हुगली रिवर ब्रिज कमीशनर (एचआरबीसी) के अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद शुरू हुई थी। इसके कुछ समय बाद ही उन्होंने मंत्रिमंडल से भी इस्तीफा दे दिया था।
अधिकारी ने पूर्वी मिदनापुर जिले के नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र से भी बुधवार को इस्तीफा दे दिया था।
उन्होंने कई मौकों पर पार्टी नेतृत्व के कार्य करने के तरीके की आलोचना की थी। तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें मनाने की भी कोशिश की लेकिन सभी प्रयास असफल रहे।
तृणमूल कांग्रेस में मौजूद अंसतुष्टों द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले रणनीति बनाए जाने का संकेत देते हुए अधिकारी ने बुधवार रात को आसनसोन नगर निकाय अध्यक्ष जितेंद्र तिवारी, पश्चिम वर्द्धमान से सांसद सुनील मंडल सहित बागी नेताओं के साथ बंद कमरे में बैठक की थी।
अधिकारी के फैसले का स्वागत करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने दावा किया, ‘‘यह सत्तारूढ़ दल के अंत की शुरुआत है और वह ताश के पत्तों से बने घर की तरह गिर जाएगी।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा खुले दिल से अधिकारी का स्वगत करेगी।
गौरतलब है कि अधिकारी के पिता शिशिर अधिकारी और भाई दिब्येंदु तृणमूल कांग्रेस के क्रमश: तामलुक और कांटी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सदस्य हैं और माना जाता है कि अधिकारी परिवार का पश्चिम मिदनापुर, बांकुड़ा, पुरुलिया, झारग्राम और बीरभूम के कुछ हिस्सों में प्रभाव है और वे 40 से 45 विधानसभा सीटों के नतीजों को प्रभावित कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *