तृणमूल कांग्रेस की सामाजिक कल्याण योजनाएं लोगों को कोई ‘वास्तविक राहत’ नहीं देती हैं: दिलीप घोष

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर प्रहार जारी रखते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलायी गयी सामाजिक कल्याण योजनाएं लोगों को कोई ‘वास्तविक राहत’ नहीं देती हैं।
घोष ने पूर्वी मेदिनीपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़े जोर-शोर से योजनाओं की घोषणा की, लेकिन उन्होंने लोगों की जरूरतें पूरी नहीं कीं।
मेदिनीपुर के सासंद ने दावा किया, ‘‘कई श्री हैं , कई साथी हैं …हम उनकी गिनती भूल रहे हैं। लेकिन कितने लोग वास्तविक लाभ पा रहे हैं? सबुजसाथी योजना के तहत खराब साइकिलें वितरित की गयीं जबकि स्वास्थ्य साथी शुरू भी नहीं हो पायी। अन्य योजनाओं का भी यही हाल है।’’
उन्होंने कहा कि चक्रवात अम्फान राहत के लिए 2000 करोड़ रूपये से अधिक का केंद्रीय अनुदान का इस्तेमाल करने में विफल रहने के बाद राज्य अब केंद्र सरकार को 8500 करोड़ रुपये के आवंटन के लिए पत्र लिख रहा है, लेकिन ‘कोई भी अब दीदी (ममता बनर्जी) विश्वास नहीं करता।’’
घोष ने कहा, ‘‘किसी को विश्वास नहीं है कि दीदी इस रकम का सही तरीके से इस्तेमाल करेंगी। हर व्यक्ति देख चुका है कि अम्फान राहत राशि उनकी पार्टी के स्थानीय नेताओं, पंचायत प्रधान से लेकर अन्य प्रमुखों के खातों में गयी। जब यह मामला लोगों के सामने आया तो दीदी ने कहा कि यह अपवाद था, भूल थी। क्या यह वाकई भूल थी! हमें पता है कि मई, 2021 के बाद ऐसी भूलें फिर नहीं होंगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हर दूसरे दिन कोई न कोई पार्टी (तृणमूल कांग्रेस) छोड़ रहा है और वह (तृणमूल कांग्रेस) धीरे-धीरे चरमराता महल बनती जा रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सत्तारूढ़ पार्टी उन नेताओं का सुरक्षा वापस ले रही है, जिन्होंने तृणमूल कांग्रेस छोड़ दी। वह अपने विरोधियों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज कर रही है। यह छह महीने बाद रुक जाएगा।’’
घोष ने अनुमान व्यक्त किया कि भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव में 200 सीटें जीतेंगी और तृणमूल 50 से अधिक नहीं जी पाएगी।
पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए अगले साल अप्रैल-मई में चुनाव होने की संभावना है।

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