वायु प्रदूषण से निपटने के लिए राज्य सरकार ने बनाई कार्य योजना

कोलकाता : पश्‍चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डब्ल्यूबीपीसीबी) ने शहर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक कार्य योजना बनाई है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। शहर के कई वायु निगरानी केंद्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक नवंबर के पहले सप्ताह में 200 और 350 (पीएम 2.5) के बीच रहा था, जो कि ‘मध्यम’ और ‘खराब’ की श्रेणी में आता है। चक्रवात बुलबुल से स्थिति में काफी हद तक सुधार हुआ और अगले कुछ दिनों तक शहर की हवा से प्रदूषक कण दूर रहे। डब्ल्यूबीपीसीबी के एक बयान में शुक्रवार को कहा गया कि गर्मी और मानसून के दौरान पीएम 2.5 का स्तर निर्धारित मानकों के भीतर रहता है। सर्दियों के महीनों में विभिन्न कारकों की वजह से यह बढ़ जाता है। इसलिए इस स्थिति से निपटने के लिए वायु गुणवत्ता को लेकर कार्य योजना बनाई गई है। उल्लेखनीय है कि 0 से 100 बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक संतोषजनक और ग्राह्य सीमा के भीतर माना जाता है। डब्ल्यूबीपीसीबी ने अपने बयान में कहा कि हाल के दिनों में सड़क की धूल के कारण वायु प्रदूषण में इजाफा हुआ है। बोर्ड ने कोलकाता नगर निगम को 10 जल छिड़काव वाहनों की खरीदारी के लिए 6 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं, ताकि जल छिड़काव से धूल को दबाने में मदद मिलेगी। बयान में कहा गया है कि दस सफाई वाहनों को भी केएमसी खरीदेगा, जो सड़कों से धूल को मशीनीकृत तरीके से साफ करेंगे।
एक दिन पहले ही कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने दावा किया है कि राज्य सरकार ने एक मास्टर प्लान तैयार किया है जिसके जरिए आगामी 2 सालों में कोलकाता को प्रदूषण मुक्त किया जाएगा। लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े बताते हैं कि जिस परिमाप से कोलकाता और आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण बढ़ रहा है उससे राजधानी को जल्द प्रदूषण मुक्त करना संभव नहीं होगा। इसके लिए पूरी सरकार को समग्र कार्य योजना बनाकर उसे लागू करना होगा। इसके अलावा आम लोगों को भी पर्यावरण सुरक्षा के प्रति सचेत बनाने हेतु जागरूकता अभियान की सबसे अधिक जरूरत है।

हावड़ा में प्रदूषण का सूचकांक महानगर से भी अधिक
एक दिन पहले ही एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें पता चला है कि दुनिया भर के पांच सबसे प्रदूषित शहरों में भारत की राजधानी दिल्ली के बाद कोलकाता शामिल है। अब शनिवार को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जो नए आंकड़े सामने आए हैं उसमें और भी चौंकाने वाली जानकारी पता चली है। कोलकाता से सटे हावड़ा शहर में प्रदूषण का सूचकांक महानगर से भी अधिक है। शनिवार की सुबह हावड़ा के घुसड़ी में सुबह 8:00 बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी प्रदूषण का आंकड़ा 285 पर पहुंच गया था जो सामान्य से 6 गुना अधिक है। ऐसा तब हुआ जब इसी समय राजधानी कोलकाता के विक्टोरिया में प्रदूषण का सूचकांक महज 162 पर था जो सामान्य से 3 गुना अधिक है।
बता दें कि वायु में अगर प्रदूषण कारक तत्वों की मात्रा 50 मिलीग्राम होती है तो वह सामान्य माना जाता है। उसके बाद जितना ज्यादा यह मात्रा बढ़ती जाती है, हमारे आसपास की हवा उतनी ही अधिक जहरीली होती जाती है।

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