
कोलकाता : जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) के ओपेन थिएटर में आयोजित हो रहे दीक्षांत समारोह स्थल तक पहुंचने के लिए राज्यपाल व आचार्य जगदीप धनखड़ ने गेट नंबर 5 से प्रवेश किया। जैसे ही राज्यपाल की गाड़ी गेट नंबर 5 से जेयू परिसर में दाखिल हुई, विरोध-प्रदर्शन करने वाले गैर-शिक्षा कर्मियों और विद्यार्थियों की भीड़ ने उनकी गाड़ी को रोक कर नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान उनके सुरक्षाकर्मियों ने उनकी गाड़ी को चारों तरफ से घेर रखा था। एक तरफ जहां राज्यपाल को काला झंडा दिखाया जा रहा है और ‘गो बैक धनखड़’ के नारों से जेयू परिसर गुंज रहा था। वहीं दूसरी तरफ अपनी गाड़ी में शांति से बैठकर राज्यपाल लगातार ट्वीट किये जा रहे थे। धनखड़ ने ट्वीटर पर लिखा है कि मैं आज जेयू में विद्यार्थियों को उनकी मेहनत का फल (डिग्री) प्रदान करने आया हूं लेकिन जिस प्रकार से समारोह स्थल तक जाने का रास्ता रोका गया है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रबंधन की कोई सकरात्मक भूमिका नहीं दिख रही है। यह काफी चिंताजनक स्थिति है। उन्होंने लिखा कि जो विरोध जता रहे हैं, उनकी संख्या मात्र 50 है। पूरी प्रणाली को बंधक बना कर रखा गया है। कानून का पालन होता कहीं भी नहीं दिख रहा है। उन्होंने वीसी पर कटाक्ष करते हुए लिखा कि वे जानबुझकर अपने दायित्वों से पल्ला झाड़ रहे हैं। वे खुद कानून को तोड़ रहे हैं। यह कार्य उन्हीं लोगों द्वारा किया जाता है जो शिक्षा को कम और लंबे समय तक चलाने के फायदे और नुकसान को नहीं जानते। राज्यपाल ने ट्वीट किया कि वीसी या विवि के किसी भी अन्य अधिकारी ने मेरे साथ संपर्क नहीं किया बल्कि मैंने उनके साथ संपर्क किया। वे इस परिस्थिति को संभालने के बजाए मीडियाकर्मियों से बात कर रहे हैं। इसके बाद उन्होंने ममता बनर्जी को टैग करते हुए लिखा कि जेयू में मुझे प्रवेश करने से रोका गया। यह राजनीतिक रूप से प्रेरित है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि कानून और शासन के साथ समझौता हुआ है। उन्होंने लिखा कि मेरे निर्देश के बावजूद वीसी ने दीक्षांत समारोह आयोजित किया। बेबसी वाली परिस्थिति में मैं जेयू परिसर छोड़ रहा हूं।
दीक्षांत समारोह में खाली पड़ी रही आचार्य की कुर्सी
* वीसी को नहीं है अपने पद पर बने रहने का अधिकार : धनखड़

कोलकाता : किसी भी विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह आचार्य के बिना पूरा नहीं होता है। किन्तु जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) का दीक्षांत समारोह राज्यपाल व आचार्य जगदीप धनखड़ के बिना ही संपन्न हो गया। दीक्षांत समारोह के शुरू होने से काफी देर पहले जेयू पहुंचने के बावजूद राज्यपाल धनखड़ समारोह में शामिल नहीं हो सके। हालांकि समारोह स्थल पर मंच पर उनके नाम से एक कुर्सी रखा गया था, जो पूरे समारोह के दौरान खाली ही पड़ा रहा। राज्यपाल की गाड़ी को तृणमूल कांग्रेस समर्थित कर्मचारी संगठन के सदस्यों ने समारोह स्थल से काफी दूर पर ही रोक दिया था। करीब डेढ़ घंटों तक रूके रहने के बाद आखिरकार राज्यपाल को वापस लौट जाना पड़ा। इस दौरान जब राज्यपाल ने वीसी प्रो. सुरंजन दास को फोन किया तो वीसी ने उन्हें बताया कि तृणमूल समर्थित कर्मचारी संगठन के सदस्यों ने उन्हें भी रोक रखा है और उन्हें नहीं जाने दे रहे हैं। इतना सुनने के बाद ही राज्यपाल का गुस्सा फुट पड़ा। संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह समाप्त हो चुकी है। आंदोलनकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें। धनखड़ ने कहा कि राज्यपाल के बिना कोई दीक्षांत समारोह संपन्न नहीं हो सकता है। ये लोग आग से खेल रहे हैं। कुछ गिने-चुने लोग ही विरोध कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने वीसी के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जो दायित्व नहीं ले पा रहे हैं, उन्हें कुर्सी पर बैठने का अधिकार भी नहीं है।