कोलकाता, समाज्ञा : भारत-बांग्लादेश सीमा दुनिया की सबसे चुनौतीपूर्ण सीमाओं में से एक है। फ्रंटियर दक्षिण बंगाल, भारत बांग्लादेश बॉर्डर के साथ 913.324 किलोमीटर के क्षेत्र की रखवाली करता है जिसमें 363.930 किलोमीटर लंबी नदी की सीमा और विशाल मैदान के साथ विशाल चरागाह क्षेत्र शामिल है। ये सभी खासियतें सीमा प्रबंधन को बहुत चुनौतीपूर्ण बनाती हैं। परिचालन के मोर्चे पर, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर, बीएसएफ, बड़े पैमाने पर तस्करी गतिविधियों को रोकने में सक्षम हैं। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर, बीएसएफ के जवान भी बड़ी संख्या में आवासीय और प्रवासिय घुसपैठियों को पकड़ने में कामयाब रहे, जिससे दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की सीमाओं पर शांति बनी रही। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर, सीमा पर सुरक्षित वातावरण को बनाए रखने के प्रयास जारी रखेंगे। सीमा आबादी के कल्याण के लिए सिविक एक्शन प्लान, बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम, स्वच्छता मिशन, जिसमें बीएसएफ स्थापना दिवस मनाने के लिए बॉर्डर की आबादी को शामिल करना और पिछले वर्ष में कई अन्य कार्यक्रम आयोजित किए गए। बीएसएफ द्वारा सीमावर्ती आबादी के लिए कल्याणकारी कदम आगे भी जारी रहेंगे। भारत और बांग्लादेश के दोनों सीमा रक्षक बलों के बीच संबंध सौहार्दपूर्ण हैं और ये दोनों बल द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए अपने सर्वोत्तम प्रयासों में लगा रहे हैं। बीएसएफ और बीजीबी के बीच इस आपसी समझ और सहयोग ने शांति और शांति बनाए रखने के अलावा सीमा पर कई मुद्दों को हल करने में मदद की है। सद्भावना के संकेत के रूप में और मानवीय आधार पर कुल 55 बांग्लादेशी नागरिकों को बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश को सौंप दिया गया। हाल ही में, डायरेक्टर जनरल लेवल टॉक और इंस्पेक्टर जनरल-रीजन कमांडर्स लेवल बॉर्डर कोऑर्डिनेशन कॉन्फ्रेंस दिसंबर, 2020 में हुई, जिसमें बॉर्डर मैनेजमेंट से जुड़े मामले और आपसी हितों पर चर्चा हुई। वर्ष के दौरान दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने कई मुद्दों को अमल में लाया, जिसमें विभिन्न सीमा-पार अपराधों की जांच करना भी शामिल है और साथ ही साथ खेल और खेल के क्षेत्र में उपलब्धियां भी शामिल हैं।
राज्य के सीमांत इलाकों में पशु तस्करी पर लगाम कसने में बीएसएफ ने काफी हद तक सफलता पायी है। अब सीमांत इलाकों में न के बराबर पशु तस्करी होती है। यह कहना है बीएसएफ साउथ बंगाल फ्रंटियर के आईजी अश्विनी कुमार सिंह का। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में बीएसएफ ने 29720 गाय सीमा पर जब्त किये थे। वहीं वर्ष 2020 में 5449 गाय ही जब्त किए गए। इससे साफ जाहिर होता है कि सीमा पर गाय तस्करी में कमी आयी है। बीएसएफ के जवान पूरी मुस्तैदी के साथ सीमांत इलाकों की निगारनी कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के बाद बांग्लादेश लौटने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है। बीएसएफ ने बांग्लादेश के साथ अच्छे संबंधों के मद्देनजर 55 बांग्लादेशी नागरिकों को बीजीबी अधिकारियों के हाथों में सौंपा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में 3060 लोगों को बांग्लादेश सीम पर पकड़ा गया है। बीएसएफ के आईजी ने बताया कि मानव तस्करी को रोकने के लिए एंटी ह्यूमैन ट्रैफिकिंग यूनिट का गठन किया गया है। इस मौके पर बीएसएफ के डीआईजी एस.एस गुलेरिया सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
पशु तस्करी पर लगान कसने पर काफी हद तक मिली सफलता : बीएसएफ
