संदिग्ध कोरोना मरीजों के बीच इलाज के लिए तरस रहा है कांस्टेबल !

शवों के बीच रहने को मजबूर है मरीज़, प्रशासन है बेखबर

कोरोना से ना मरे तो, अस्पतालों की गन्दगी से जरूर मर जाएंगे : मरीजों का आरोप

बबीता माली 

कोलकाता, समाज्ञा : एक तरफ कोरोना तो दूसरी तरफ अस्पतालों की अव्यवस्था ने मरीजों का जीना मुहाल कर दिया है। कोरोना संदिग्धों हो या अन्य बीमारी से पीड़ित मरीज, सभी को इलाज के लिए अस्पतालों में रखा जा रहा है लेकिन आरोप है कि उन्हें ना ठीक से इलाज मिल रहा है और ना ही साफ – सुथरा परिवेश। ऐसी तस्वीर प्राय: सभी अस्पतालों की सामने आ रही है। एम आर बांगड़ अस्पताल को लेकर एक वीडियो ने चारों तरफ तहलका मचा दिया है। कोरोना मरीजों को कैसे रखा जा रहा है और कैसे शवों के बीच रहने को मजबूर होना पड़ रहा है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद प्रशासन भी हरकत में आया है। मगर ऐसा ही एक मामला आर जी कर अस्पताल में सामने आया है। आरोप है कि कोलकाता पुलिस के एक कांस्टेबल को इस अस्पताल के एक वार्ड में रखा गया है। जहां कोरोना संदिग्धों को लेकर अन्य तरह के मरीजों को भी रखा जा रहा है। इस कांस्टेबल की हालत ऐसी है कि उसे अस्पताल से ज्यादा घर पर इलाज होने की उम्मीद है। यह कांस्टेबल इलाज के लिए तरस रहा है लेकिन ना उसका इलाज हो रहा है और ना ही उसे डिस्चार्ज किया जा रहा है।

२० अप्रैल से है भर्ती, ३ दिन बाद भी नहीं आई रिपोर्ट

नॉर्थ डिवीजन के एक थाने में तैनात कांस्टेबल को इलाज के लिए २० अप्रैल को आर जी कर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस कांस्टेबल ने बताया कि गत २० अप्रैल को वह बरानगर बाज़ार में ड्यूटी कर रहा था। तभी उसे चक्कर आया और उसे कमजोरी महसूस हुई। उसे हल्का बुखार भी आ गया था। इस बाबत उसने अपने थाना इलाके के नर्सिंग होम में दिखाया तो डाक्टर ने उसे सलाह दी कि अभी कोरोना बहुत फैल रहा है। वह आर जी कर अस्पताल जाकर डॉक्टर से सलाह ले। इसके बाद वह वहां से आर जी कर अस्पताल पहुंचा। वहां डॉक्टर ने उसका  टेस्ट किया और फिर उसके मुंह के लार का नमूना भी लिया। उससे कहा गया कि २४ घंटे के भीतर रिपोर्ट आ जाएगी। तब तक उसे अस्पताल में ही रहना होगा। नेगेटिव रिपोर्ट आने पर उसे छोड़ दिया जाएगा। आरोप है कि गुरुवार तक भी उसका रिपोर्ट नहीं आया। इसके अलावा आरोप यह भी है कि उसका इलाज भी ठीक से नहीं हो रहा है। तीन टाईम का दवा देकर डॉक्टर चला जा रहा है। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन  और पेरासिटामोल दिया जा रहा है। उस कांस्टेबल का कहना है कि २३ तारीख होने को आए लेकिन ना ही उसका रिपोर्ट आया और ना ही उसे डिस्चार्ज किया जा रहा है। उसने यह भी आरोप लगाया कि गुरुवार की दोपहर अचानक उसकी तबीयत बिगड़ी थी। डॉक्टर को बुलाया गया लेकिन ३ घंटे बाद ही डॉक्टर आया। पास के मरीज़ की मदद से ही वह बच पाया। 

शवों के बीच रहने को मजबूर होना पड़ रहा है

वहीं मरीजों तथा कांस्टेबल का आरोप है कि इस वार्ड में कोरोना संदिग्ध मरीजों को भी रखा जा रहा है। पिछले दो दिनों में ४ मरीजों की मौत इसी वार्ड में हुई है। शव को बेड पर ही छोड़ दिया जा रहा है। हमें घंटों शवों के साथ रहने पर मजबूर होना पड़ रहा है। यहां तक कि आरोप है कि शव को ले जाने के बाद भी बेड को साफ या सैनिटाइ नहीं किया जा रहा है। फिर से उसी बेड पर दूसरे मरीज़ को सुलाया जा रहा है। चारों तरफ गन्दगी फैली हुई है। 

मदद को डिपार्टमेंट भी सामने नहीं आ रहा है

यहां ट्रीटमेंट के नाम पर मरीजों पर एक तरह का अत्याचार ही किया जा रहा है। ना समय पर डॉक्टर आ रहा है और ना ही सही इलाज हो रहा है। ऐसा ही आरोप उक्त कांस्टेबल ने लगाया है।  उस कांस्टेबल का कहना है कि अभी वह पहले से बेहतर हैं। उसका आरोप है कि अगर उसे घर नहीं जाने दिया जाएगा तो वह इस माहौल में रहकर ही मर जाएगा। उसने डिस्चार्ज के लिए सुपर से लेकर डॉक्टर सभी से कहा लेकिन कोई उसकी बात सुनने को तैयार नहीं हैं। उक्त कांस्टेबल का आरोप है कि उसने लालबाज़ार के अधिकारियों से लेकर थाने के अधिकारियों से निवेदन किया लेकिन कोई उसकी गुहार नहीं सुन रहा है। उसे घर भी जाने नहीं दिया जा रहा है और ना ही अच्छी जगह पर इलाज के लिए स्थानांतरित किया जा रहा है। 

केपी के कई पुलिसकर्मी कई अस्पतालों में है भर्ती, इलाज नहीं होने का आरोप

सूत्रों ने बताया कि कोलकाता पुलिस के कई निम्न रैंक के कर्मी महानगर के अलग – अलग अस्पताल में भर्ती है। आरोप सामने आ रहे है कि उनका सही समय पर सही इलाज नहीं हो रहा है। इलाज नहीं होने से उनमें डर का माहौल व्याप्त हो गया है। इसके साथ ही साथ इन कर्मियों में असंतोष भी बढ़ रहा है।

लाल बाज़ार के अधिकारी ने दिया आश्वासनइस संबंध में ज्वाइंट कमिश्नर (हेडक्वार्टर) शुभंकर सिन्हा सरकार से संपर्क किया गया और उन्हें स्थिति से अवगत कराया गया तो उन्होंने आश्वासन दिया कि वे इस मामले को देख रहे है।

ReplyForward

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *