बोलपुर : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा को ‘बाहरी लोगों की पार्टी’ बताते हुए मंगलवार को कहा कि नोबेल पुरस्कार से सम्मानित गुरूदेव रवींद्रनाथ टैगोर की भूमि धर्मनिरपेक्षता पर कभी भी नफरत की राजनीति को हावी नहीं होने देगी।
बोलपुर में एक रैली के दौरान बनर्जी ने दावा किया कि राज्य की समावेशी संस्कृति को बर्बाद करने की साजिश की जा रही है। उन्होंने लोगों को विभाजनकारी राजनीति से सचेत रहने को कहा।
उन्होंने कहा, ‘‘हिंसा की राजनीति, विजानकारी राजनीति को रोकिए.. अपने इलाके से बाहरियों को हटाइये। जरूरी हो तो पुलिस को सूचित करें। अगर बाहर के कुछ गुंडे हमारे राज्य में स्थानीय लोगों को धमकाने के लिए आते हैं तो आप सबको उनके खिलाफ एकजुट होकर लड़ना चाहिए।’’
विश्वभारती के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती को ‘भाजपा का आदमी’ बताते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि वह ‘‘इस कैंपस के भीतर विभाजनकारी और सांप्रदायिक राजनीति’ को बढ़ावा देकर विश्वविद्यालय की धरोहर को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।’’
बनर्जी ने कहा, ‘‘जो महात्मा गांधी और देश के अन्य महापुरूषों का सम्मान नहीं करते, वे ‘सोनार बांग्ला’ बनाने की बात करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘रवींद्रनाथ टैगोर कई दशक पहले ही ‘सोनार बांग्ला’ तैयार कर चुके हैं और हमें भाजपा के सांप्रदायिक हमलों से इस संस्थान को बचाने की जरूरत है।’’
बनर्जी ने चार किलोमीटर का रोड शो भी किया। तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ने कहा, ‘‘टैगोर की सांस्कृतिक धरोहर को नुकसान पहुंचाने के प्रयासों को पूरी ताकत लगाकर रोकना होगा।’’
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ‘‘जब मैं विश्वभारती में सांप्रदायिक राजनीति को बढ़ावा दिए जाने के प्रयासों को देखती हूं तो मुझे बुरा लगता है। कुलपति भाजपा के आदमी हैं, वह सांप्रदायिक राजनीति को बढ़ावा दे रहे हैं, विश्वविद्यालय की धरोहर को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
चक्रवर्ती हाल में राज्य सरकार के निशाने पर आए थे, जब मीडिया की कुछ खबरों में दावा किया गया कि उन्होंने नोबेल विजेता अमर्त्य सेन पर कैंपस में अवैध तरीके से जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया है।
तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा हाल ही में किये गये दलबदल पर उन्होंने कहा, ‘‘आप कुछ विधायकों को खरीद सकते हैं, लेकिन तृणमूल कांग्रेस को नहीं खरीद सकते।’’
बनर्जी के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष बंगाल में भाजपा के उभार से डर गयी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘क्या उनको ऐसा लगता है कि केवल तृणमूल ही रवींद्रनाथ टैगोर के बारे में बात कर सकती है? तृणमूल कांग्रेस सरकार पिछले 10 साल में हर मोर्चे पर नाकाम रही है और अब वह हमें बाहरी बताने का प्रयास कर रही है। ’’
घोष ने कहा, ‘‘बंगाल में तृणमूल के गिने चुने दिन रह गए हैं और मुझे लगता है कि उनको (ममता) अंदाजा हो चुका है। तृणमूल बंगाल में भाजपा के उभार से घबरा गयी है।’’
टैगोर की भूमि धर्मनिरपेक्षता पर नफरत की राजनीति को हावी नहीं होने देगी : ममता
