तेलंगाना : कॉलेज प्रशासन ने ‘अच्छी शादी के लिए ‘लॉन्ग कुर्ती पहनने का आदेश दिया, सड़क पर छात्राएं

हैदराबाद : तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के सेंट फ्रांसिस कॉलेज फॉर विमिन में छात्राओं ने शॉर्ट्स, स्‍लीवलेस या इस तरह के अन्‍य कपड़ों पर बैन लगाए जाने और लॉन्‍ग कुर्ती पहनने के आदेश के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया है। कॉलेज प्रबंधन ने छात्राओं से कहा है कि वे घुटने के नीचे तक की कुर्ती पहनकर ही पढ़ने आएं। इससे पुरुष शिक्षकों का ध्‍यान नहीं भटकेगा और लड़क‍ियों को भी शादी के अच्‍छे प्रस्‍ताव मिलेंगे। इसके पीछे कॉलेज प्रबंधन का तर्क है कि शॉर्ट लेंथ की कुर्ती और टाइट लैगी पहनने से उनकी जांघों का आकार दिखता है और इससे पुरुष शिक्षकों का ध्‍यान भंग हो सकता है। इसके अलावा इस तरह के कपड़े पहनने से लड़कियों को शादी के अच्‍छे प्रस्‍ताव भी नहीं मिलेंगे। नए नियम लागू होने के बाद, जो भी छात्राएं इसको नहीं मान रही हैं, उन्हें कक्षाओं में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जा रही है। कॉलेज प्रशासन ने नया ड्रेस कोड 1 अगस्त से लागू कर दिया है।

नए नियम को लेकर छात्राओं का कहना है कि ऐसे समय में जब हम महिला सशक्तीकरण के बारे में बात कर रहे हैं, तो इस तरह के फरमान पूरे अभियान के खिलाफ हैं। इस आदेश के खिलाफ लड़कियों ने सोमवार को सैकड़ों की संख्‍या में प्रदर्शन किया। सेंट फ्रांसिस कॉलेज की एक पूर्व छात्रा ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि कॉलेज ने वर्ष के मध्य में एक नए ड्रेस कोड की घोषणा की है।

‘लंबी कुर्ती हमें शादी के अच्छे प्रस्ताव देगी’
छात्रा ने यह भी कहा कि छात्र प्रतिनिधियों को बताया गया कि ‘लंबी कुर्ती हमें शादी के अच्छे प्रस्ताव देगी।’ पूर्व छात्रा ने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि कॉलेज के अधिकारियों ने छात्र प्रतिनिधियों से कहा कि इस तरह के आदेश के खिलाफ आवाज उठाना ‘निन्दात्मक’ है। उसने यह भी कहा कि छात्राओं को हर रोज कुर्ती पहनने के लिए अपमानित किया जा रहा है। जो भी छात्राएं नए नियम को नहीं मान रही हैं, उन्हें कॉलेज के बाहर खड़ा कर दिया जाता है। इस कारण वह क्लास करने और टेस्ट में शामिल होने से वंचित रह जा रही हैं।

कॉलेज ने कुर्तियों की लंबाई जांचने के लिए महिला सुरक्षा गार्ड भी रखे हैं। छात्रा ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘महिला सुरक्षा गार्ड छात्राओं की आईडी कार्ड जांचती हैं और उनकी कुर्तियां भी खींचती हैं।’ एक अन्‍य पूर्व छात्रा वार्शिनी ने बताया कि ‘गरिमापूर्ण कपड़े’ पहनने का नियम वर्ष 2012-13 से है लेकिन उसे लागू नहीं किया जा रहा था। अब जुलाई 2019 से इसे सख्‍ती से लागू किया जा रहा है। इससे लड़कियों को काफी दिक्‍कत हो रही है।

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