कोरोना मृतक के परिजनों ने लगाया उन्हें परेशान करने का आरोप

हावड़ा : कोरोना वायरस का खतरा दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। हावड़ा में भी कोरोनावायरस से गत मंगलवार को 2 लोगों की मौत हो गयी। मंगलवार की तड़के हावड़ा अस्पताल में एक महिला ने कोरोना संक्रमण से दम तोड़ा तो वही एक गैर सरकारी अस्पताल में मंगलवार की रात एक वृद्ध की कोरोना वायरस चपेट में आकर मौत हो गई। मृतक सुरेंद्र जैन (57) मध्य हावड़ा के राजबल्लभ शाह ने इलाके का रहने वाला था। मंगलवार को ही मृतक के परिवार के चार सदस्यों को पुलिस ने उनके घर में क्वॉरेंटाइन में रखा। वही बुधवार को मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि इलाके के कोरोना से खौफजदा लोग उन्हें बिल्डिंग छोड़कर चले जाने के लिए परेशान करने लगे। मृतक की बहू सोनाली नाहर ने बताया कि सुबह स्थानीय कुछ लोग उनके बिल्डिंग के नीचे पहुंचे और चिल्ला-चिल्ला कर उन्हें बिल्डिंग छोड़कर चले जाने के लिए दबाव बनाने लगे। आरोप है की कुछ लोगों ने यह भी कहा कि अगर यह लोग यहां से नहीं जाएंगे तो इनके घरों पर पत्थर मारा जाएगा। इसके बाद घबराए परिजनों ने हावड़ा पुलिस से मदद मांगी जिसके बाद हावड़ा थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को वहां से हटाया।

  • लोगों के शोर मचाने की वजह से मृतक के पत्नी की बिगड़ी तबीयत

मृतक की बहू सोनाली नाहर में बताया कि मृतक सुरेंद्र जैन की पत्नी संध्या जान की तबीयत भी कुछ दिनों से खराब थी। इस कारण हम लोगों ने अभी तक उन्हें मृत्यु की खबर की बात नहीं बताई। लेकिन बिल्डिंग के नीचे आकर स्थानीय लोगों द्वारा शोर मचाने के बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। वह परेशान हो गई क्योंकि उन्हें भी कुछ-कुछ अंदेशा हो गया कि उनके पति की कोरोना वायरस से मौत हो गई है। इसके बाद से उनकी भी तबीयत बिगड़ने लगी और उन्हें सांस लेने में कष्ट होने लगा। परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग से मदद मांगी जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से एंबुलेंस भेजकर मृतक के परिवार के चार सदस्यों को टेस्ट के लिए ले जाया गया।
सोनाली ने बताया कि हम स्थानीय लोगों के दहशत को समझ सकते हैं। हमें पता है कि इलाके में कोरोना वायरस से मौत होने के बाद उनके मन में भी डर समा रहा है लेकिन उन्हें भी इस समय हमारी परिस्थिति को समझना चाहिए। हम खुद में ही अपने घर में क्वॉरेंटाइन में है जिससे बाकी के लोगों में संक्रमण का खतरा न हो।

अच्छे इलाज के लिए कोरोना मृतक के परिजनों ने अस्पतालों के काटे थे चक्कर

मृतक की विदेश यात्रा से परिजनों ने किया इनकार

हावड़ा : यूं तो कहने के लिए हावड़ा के सत्यबाला आईडी अस्पताल और हावड़ा जिला अस्पताल को कोरोना वायरस के मरीजों के लिए पूरी तरह से तैयार किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए दावे भी किए हैं लेकिन अब इन दावों के धीरे-धीरे पोल खोल रहे हैं। जिस प्रकार सलकिया की कोरोना संक्रमित महिला को इलाज के लिए हावड़ा के विभिन्न अस्पतालों के चक्कर काटने पड़े थे, ठीक उसी प्रकार हावड़ा में दूसरे मृतक के परिजनों को भी अस्पतालों के चक्कर काटने पड़े थे। मृतक की बहू सोनाली नाहर ने यह दावा किया है। सोनाली ने बताया कि गत 22 मार्च को सुरेंद्र जैन की तबीयत खराब हुई थी जिसके बाद उन्हें सबसे पहले शिवपुर के एक गैर सरकारी अस्पताल में ले जाया गया था। जहां डॉक्टरों ने कोरोना संक्रमण के संदेह को देखते हुए परिजनों को अन्य किसी अस्पताल में ले जाने को कह दिया। इसके बाद उन्हें हावड़ा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन वहां उनका ढंग से इलाज ही नहीं किया जा रहा था। जिसके बाद उन्हें फिर गोलाबाड़ी स्थित गैर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। सोनाली ने बताया कि इतने अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद उक्त गैर सरकारी अस्पताल में पहली बार उन्हें सुरेंद्र जैन का कोविड-19 का टेस्ट कराने के लिए कहा गया। वही टेस्ट कराने जाने पर उन्हें कहा गया कि रिपोर्ट में केवल निमोनिया आया है। परिजनों ने आरोप लगाया कि किसी भी अस्पताल ने समय रहते ढंग से इलाज ही नहीं किया। अस्पताल वाले समझ ही नहीं पाए कि मरीज कोरोना संक्रमित है जिसके कारण उनकी मृत्यु हुयी।

पासपोर्ट ही नहीं है तो कैसे किया विदेश यात्रा

वहीं सोनाली नाहर ने मृतक के विदेश यात्रा की बात से साफ इनकार किया। उन्होंने कहा कि विभिन्न टीवी चैनलों में फर्जी खबर दिखाई जा रही है कि सुरेंद्र जैन दुबई या सिंगापुर गए थे। सोनाली नाहर ने बताया कि सुरेंद्र जैन के पास पासपोर्ट ही नहीं है तो वह कैसे विदेश यात्रा पर जा सकते हैं।

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