कोलकाता, समाजा : साल 2019 समाप्त हो चुका है। बीते साल राज्य स्तरीय राजनीति में जो नाम सबसे अधिक चर्चित रहा, वह है राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का। अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की तरह ही इस पूरे साल भी ममता बनर्जी विभिन्न मुद्दों पर आंदोलनों में सक्रिय रही। उत्तर से लेकर दक्षिण बंगाल तक राज्य के सभी हिस्सों में उन्होंने पैदल मार्च और आंदोलन कर आम जनता का ध्यान अपनी तरफ खींचा। कभी उन्होंने कई किलोमीटरों की पैदल यात्रा की तो कभी वह सभाएं करती नजर आयी। आइए नजर डालते हैं कि साल 2019 के दौरान तृणमूल सुप्रिमो व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुख्य तौर पर किन कारणों और किन स्थानों पर रैली व धरना दिया
* ब्रिगेड परेड मैदान रैली : साल 2019 में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पहली रैली ब्रिगेड परेड मैदान में आयोजित की गयी थी। इस रैली का आयोजन 19 जनवरी को किया गया था। यह रैली केवल तृणमूल कांग्रेस की सभा के स्थान पर विपक्षी पार्टियों के इकट्ठे होने का मंच बन गया था। इस सभा में अखिलेश यादव, शरद पवार, शत्रुघ्न सिंहा समेत कई दिग्गज नेताओं को एक मंच पर देखा गया था।
* धर्मतल्ला मेट्रो चैनल पर धरना : तत्कालिन पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के निवास स्थान पर सीबीआई की रेड के विरोध में ममता बनर्जी ने धर्मतल्ला इलाके के मेट्रो चैनल पर धरना शुरू कर दिया। 4 फरवरी की रात को करीब 8 बजे से शुरू हुआ धरना अगले 3 दिनों तक जारी रहा। मुख्यमंत्री ने धरना का मुद्दा ‘सेव कॉन्स्टिच्यूशन’ (संविधान बचाओ) रखा था। पॉन्जी योजना घोटाले का आरोप लगाकर सीबीआई ने राजीव कुमार के घर रेड किया था।
* हाजरा मोर से मेयो रोड : 14 फरवरी को पुलवामा में भारतीय सेना के काफिले पर आतंकवादियों के हमले के विरोध में जब पूरा देश उबाल पर था उसी समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कैंडल मार्च किया था। उन्होंने 17 फरवरी को हाजरा रोड से एस्प्लैनेड के मेयो रोड तक कैंडल मार्च किया था।
* महिला दिवस पर मार्च : 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रैली की थी। सियालदह के श्रद्घानंद पार्क से धर्मतल्ला तक किये गये इस रैली के मंच से ही ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनावों का प्रचार शुरू कर दिया था। भले ही यह रैली महिला दिवस के मौके पर निकाली गयी हो, लेकिन रैली में मोदी विरोधी नारे भी सुनाई दिये। रैली में ममता के साथ कदमताल मिलाकर शशि पांजा, नयना बंद्योपाध्याय, चंद्रिमा भट्टाचार्य, स्मिता बख्शी समेत पार्टी की अन्य कार्यकर्ता भी शामिल थी।
* चुनाव बाद की हिंसा के खिलाफ रैली : लोकसभा चुनावों के बाद राज्य भर में हो रही हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कई रैलियां की। इनमें से उन्होंने एक रैली नैहाटी में भी की। यह रैली 31 मई को की गयी थी। इस रैली से लौटने के क्रम में जिस रास्ते से उनका काफिला गुजरा वहां ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने का आरोप लगाया गया। इन नारों को सुनकर जब मुख्यमंत्री अपनी गाड़ी से उतरी तो नारे लगाने वाले लोग भाग खड़े हुए। इस पूरे वाक्ये की वीडियो सोशल मीडिया पर काफी चर्चित रहा।
* शहीद दिवस सभा : प्रत्येक वर्ष 21 जुलाई को तृणमूल कांग्रेस द्वारा धर्मतल्ला इलाके में एक विशाल सभा का आयोजन किया जाता है। 21 जुलाई को सत्तारूढ़ पार्टी ‘शहीद दिवस’ के रूप में मनाती है। वर्ष 2019 की शहीद दिवस रैली भी अन्य वर्षों की तरह ही व्यापक तौर पर आयोजित की गयी जिसके मंच से मुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संदेश दिया।
* हावड़ा की झुग्गियों में पहुंची ममता : विभिन्न जिलों में समय-समय पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रशासनिक बैठकें करती हैं जहां वह सभी प्रशासनिक अधिकारियों से उनके कामकाज का ब्यौरा लेती हैं। हावड़ा के प्रशासनिक बैठक में जाने के क्रम में मुख्यमंत्री शिवपुर स्थित झुग्गियों में जाकर वहां रहने वाले लोगों से मिली। यह बैठक 19 अगस्त को आयोजित किया गया था। उन्होंने स्थानिय निवासियों की ना सिर्फ परेशानियां सुनी बल्कि उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन भी दिया।
* एनआरसी और सीएए के विरोध में लगातार रैलियां : केन्द्र सरकार की नागरिकता संसोधनी कानून और एनआरसी के विरोध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य भर और खासकर कोलकाता-हावड़ा इलाकों में लगातार रैलियां की। उन्होंने सबसे पहली रैली 16 दिसंबर को रेड रोड से जोड़ासांकु ठाकुरबाड़ी तक, 17 दिसंबर को जादवपुर 8बी बस स्टैंड से यदुबाबु बाजार तक, 18 दिसंबर को हावड़ा में मैदान से डोरिना क्रांसिंग तक, 19 दिसंबर को रानी रासमणी रोड में और 20 दिसंबर को पार्क सर्कस इलाके में उन्होंने रैलियां की।
written by –मौमिता भट्टाचार्य