कोलकाता : यादवपुर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह रद्द करने को लेकर निराशा जाहिर करने के एक दिन बाद आचार्य और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि विधानसभा द्वारा पारित नये कानून ने विश्वविद्यालय के साथ उनके संवाद को प्रतिबंधित कर दिया है। धनखड़ ने ट्विटर पर कहा कि ‘कानून से कुलाधिपति की स्वतंत्र, निडर पहुंच’ पर रोक लगी है। राज्यपाल ने विधेयक को ‘असंवैधानिक’ बताते हुए कहा कि हर किसी को स्थिति को ध्यान में रखना चाहिए। विधानसभा ने विधेयक को 10 दिसम्बर को मंजूरी दी थी। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा,‘नए कानून के तहत कुलपतियों के आचार्य के साथ सभी संवाद विभाग के सचिव के माध्यम से होंगे। आचार्य की स्वतंत्र एवं भयमुक्त पहुंच से समझौता किया गया है।’
नये नियम के तहत आचार्य द्वारा राज्य-सहायता प्राप्त किसी भी विश्वविद्यालय से किया जाने वाला संवाद (उच्च शिक्षा) विभाग के माध्यम से होगा। इस नियम के जरिये आचार्य उच्च शिक्षा विभाग के साथ विचार -विमर्श करके निर्णय लेने से जुड़े अपने सर्वोच्च निकायों की बैठकें बुला सकेंगे। यादवपुर विश्वविद्यालय का विशेष दीक्षांत समारोह रद्द होने के बारे में आधिकारिक रूप से सूचित किये जाने के बाद धनखड़ ने शनिवार को कहा था,‘व्यवस्थित रूप से, वे (राज्य सरकार आचार्य पर अंकुश लगाने की कोशिश कर रहे हैं।’ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने दावा किया कि शैक्षणिक संस्थानों में कार्यक्रमों के रद्द होने के पीछे प्रशासन द्वारा समर्थित गैर सरकारी तत्व जिम्मेदार है
राज्यपाल ने कहा, विश्वविद्यालयों तक आचार्य की भयमुक्त पहुंच से समझौता किया गया
