कश्मीर की सैर करने को हैं बेताब पश्चिम बंगाल के पर्यटक

कोलकाता : जम्मू-कश्मीर में यात्रा को लेकर प्रतिबंध के हटने से पश्चिम बंगाल से यहां बड़ी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने की उम्मीद है, जो दुर्गा पूजा के दौरान यहां लगी पाबंदियों के चलते नहीं आ पाए थे। जम्मू-कश्मीर पर्यटक कार्यालय के प्रभारी एहसान उल-हक ने यहां बताया कि गुजरात के बाद दूसरे नंबर पर सबसे अधिक पर्यटक पश्चिम बंगाल से ही जम्मू-कश्मीर आते हैं। हक ने कहा, ‘पाबंदियों के दौरान भी यहां आने के लिए इच्छुक बंगाल के कई पर्यटक हमसे अनेक प्रश्न पूछ रहे थे।’ उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सोमवार से पोस्टपेड मोबाइल फोन सेवाएं बहाल करने का निर्णय किया है, जिससे पर्यटकों को कश्मीर आने के लिए एक बार फिर आकर्षित किया जा सकता है।


हाल में शुरू हुई हैं पोस्‍टपेड मोबाइल सेवाएं
अधिकारी ने बताया कि मोबाइल सेवाएं निलंबित होने के कारण राज्य में पर्यटक उद्योग प्रभावित हो रहा था। अधिकारियों ने सोमवार दोपहर से राज्य में 40 लाख से अधिक पोस्टपेड मोबाइल फोन सेवाएं दोबारा बहाल करने की शनिवार को घोषणा की थी। वहीं जम्मू-कश्मीर में 10 अक्टूबर से पर्यटकों के लिये पाबंदियां वापस ले ली गई हैं। राज्य प्रशासन ने घाटी में आतंकवादी हमले की आशंका का हवाला देते हुए 2 अगस्त को एक सुरक्षा परामर्श जारी करते हुए पर्यटकों को कश्मीर से जल्द से जल्द वापस जाने को कहा था। इसके बाद पांच अगस्त को केन्द्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने और जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख दो केन्द्र शासित प्रदेश बनाने की घोषणा की थी।

‘ट्रैवल एजेंट्स कन्फेडरेशन ऑफ इंडिया’ के अध्यक्ष (पूर्वी) अनिल पंजाबी ने बताया कि 2018 में पूर्वी राज्य से छह हजार से अधिक पर्यटक घाटी आए थे और इस आंकड़े के 2020 में तीन गुना बढ़ने की संभावना है।

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