तृणमूल कांग्रेस ने प्रवासी मजदूर संकट के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस ने देश में प्रवासी मजदूर संकट के लिए बुधवार को केंद्र को जिम्मेदार ठहराते हुए उसके पास ‘दूरदृष्टि नहीं होने’ का आरोप लगाया। साथ ही पार्टी ने सवाल किया कि पीएम केयर्स फंड का प्रवासी मजदूरों की घर वापसी यात्रा पर खर्च में इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा रहा है।
पार्टी ने यह भी कहा कि आरोप लग रहे हैं कि 40 से अधिक दिनों से भूखे परेशान प्रवासी मजदूरों से उनके टिकट के पैसे लिये जा रहे हैं, यह निंदनीय है।
वरिष्ठ तृणमूल नेता डेरेक ओ ब्रायन ने वीडियो कान्फ्रेंस के जरिये संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘पीएम केयर्स फंड अब पीएम डजनॉट केयर फंड (पीएम को फंड की परवाह नहीं है) हो गया है। इस फंड का पैसा कहां जा रहा है? इसका इस्तेमाल मजदूरों की घर वापसी यात्रा के खर्च में क्यों नहीं किया जा रहा है? केंद्र को प्रवासी मजदूरों की चिंता नहीं है जो लॉकडाउन की आकस्मिक घोषणा के चलते अजीब स्थिति में फंस गये हैं।’’
उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना केंद्र का दायित्व है कि ये श्रमिक सुरक्षित रूप से घर लौट सकें।
राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता ने कहा, ‘‘ ऐसे आरोप हैं कि जो मजदूर पिछले 42 दिनों से वाकई भूख से बेहाल हैं, उन्हें वापसी के वास्ते टिकट लेने के लिए पैसा देना पड़ा। यह निंदनीय है।’’
कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए 25 मार्च से लागू किए गए लॉकडाउन के चलते देश के विभिन्न हिस्सों में हजारों प्रवासी श्रमिक फंस गये।
इन मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के विभिन्न राज्यों के अनुरोध पर रेलवे ने एक मई से 115 ट्रेनें चलायी है और एक लाख से अधिक श्रमिकों को उनके मूल स्थानों पर पहुंचाया है।
विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर ट्रेन यात्रा के लिए श्रमिकों से पैसा लेने का आरोप लगाया। लेकिन सरकार ने कहा कि किराये का 85 फीसद हिस्सा वह और 15 फीसद हिस्सा राज्य सरकारें वहन कर रही हैं।
तृणमूल नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने इस मामले में केंद्र सरकार पर सही से प्रबंध नहीं करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा,‘‘ केंद्र के पास दूरदृष्टि नहीं होने के कारण देशभर में श्रमिक ऐसा संकट झेल रहे हैं।

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