नयी दिल्ली: राज्यसभा में शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस के एक सदस्य ने महाकाव्य महाभारत की पात्र ‘गांधारी’ की तुलना होमियोपैथी परिषद के सात-सदस्यीय संचालक मंडल से करते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने नामित लोगों के ढांचे के पक्ष में हर जगह निर्वाचित निकायों को भंग कर दिया है।तृणमूल के शांतनु सेन ने सरकार पर नीम हकीमी को बढ़ावा देने और देश की स्वास्थ्य प्रणाली के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘सात गांधारी’ ‘धृतराष्ट्र’ से निर्देश ले रहे हैं जो कहीं और बैठे हैं।
गांधारी महाभारत की एक पात्र हैं और उनकी शादी हस्तिनापुर के नेत्रहीन राजा ‘धृतराष्ट्र’ से हुई थी और वह सौ कौरव पुत्रों की मां थीं।सेन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष हैं।उन्होंने कहा कि इतिहास में हमने देखा है कि केवल एक धृतराष्ट्र और एक गांधारी थे जो गुरुकुल जीतने के लिए पर्याप्त थे। लेकिन आजकल हम इस सरकार में हर जगह यह देख रहे हैं, जो अलोकतांत्रिक है और निजीकरण का सहारा लिया जा रहा है, स्वास्थ्य प्रणाली को बिगाड़ा जा रहा है। वो हर जगह सात गांधारियों को तैनात कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह नहीं कहना चाहिए कि हमारे स्वास्थ्य मंत्री, कोई धृतराष्ट्र हैं, जो हमारे ही पेशे से जुड़े हुए हैं। लेकिन, मुझे यकीन है कि धृतराष्ट्र कहीं और बैठे हैं और देश के संपूर्ण स्वास्थ्य को बर्बाद करने का संकेत दे रहे हैं।’’ वह होमियोपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक, 2020 और भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक, 2020 पर एक साथ हुयी चर्चा में भाग ले रहे थे।