ट्रम्प ने फिर से कश्मीर मुद्दा सुलझाने में ‘‘मदद’’ की पेशकश की, दावोस में इमरान से मिले

दावोस : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि वाशिंगटन कश्मीर के मुद्दे को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच घटनाक्रम पर ‘‘ करीबी नजर ’’ रख रहा है। उन्होंने यहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ मुलाकात में एक बार फिर दोनों पड़ोसी देशों के बीच विवाद को सुलझाने में ‘‘ मदद ’’ की पेशकश की। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के सत्र से इतर मंगलवार को यहां प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ निजी बैठक से पहले ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि व्यापार और सीमा विवाद दोनों ही चर्चा के महत्वपूर्ण बिंदु हैं जबकि खान ने कहा कि उनके लिए, अफगानिस्तान सर्वोच्च प्राथमिकता है। ट्रम्प ने खान को ‘मेरे दोस्त’ कहकर संबोधित किया और उनसे कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मौजूदा कश्मीर मुद्दे पर बातचीत करेंगे। ट्रम्प के आने वाले दिनों में भारत दौरे पर जाने की संभावना है। राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा होगी। उन्होंने कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के बीच जो चल रहा है… अगर हम मदद कर सकते हैं, तो हम निश्चित तौर पर करना चाहेंगे। हमने इस पर करीबी नजर बना रखी है और मेरे दोस्त के साथ यहां होना गर्व की बात है।’ वहीं खान ने कहा, ‘‘ पाकिस्तान-भारत का विवाद हमारे लिए एक बड़ा मुद्दा है और हम अमेरिका से तनाव कम करने में अपनी भूमिका निभाने की उम्मीद करते हैं क्योंकि कोई और देश यह नहीं कर सकता। गौरतलब है कि पांच अगस्त 2019 को भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त करने और उसे दो केन्द्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा की थी। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव कायम है।

ट्रंप पहले भी चुके हैं मध्यस्थता की पेशकश

भारत ने जम्मू-कश्मीर को अपना अभिन्न हिस्सा बताते हुए अमेरिका या संयुक्त राष्ट्र सहित किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की बात को लगातार सिरे से खारिज किया है। उसका कहना है कि यह पाकिस्तान और उसका द्विपक्षीय मामला है। वहीं पाकिस्तान लगातार तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की मांग करता रहा है।एक संवाददाता ने ट्रम्प से पूछा कि क्या भारत दौरे के समय वह पाकिस्तान भी जाना चाहेंगे। इस पर ट्रम्प ने कहा कि वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से दावोस में मिल रहे हैं। उन्होंने कहा ‘‘पाकिस्तान के साथ हम इतने करीब नहीं थे जितने हम अभी हैं। और यह बड़ा बयान है।’’

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