न्यूयॉर्क : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात की। दोनों ने मीडिया के सवालों के जवाब भी दिए। ट्रम्प इमरान द्वारा कश्मीर मुद्दे को उठाने के मकसद को ध्वस्त करते नजर आए। अमेरिकी राष्ट्रपति एक पाकिस्तानी रिपोर्टर से नाराज भी दिखे। उन्होंने इस संवाददाता के सवाल का जवाब ही नहीं दिया। ट्रम्प ने तंज कसते हुए इमरान से भी पूछ लिया- ऐसे रिपोर्टर कहां से लाते हो? उन्होंने रिपोर्टर से पूछा- क्या आप इमरान की ही टीम का हिस्सा हैं। इस दौरान इमरान असहज नजर आए। जानिए, इमरान और ट्रम्प की मीडिया कॉन्फ्रेंस हुई पांच रोचक बातें।
‘ऐसे रिपोर्टर पसंद हैं’
रिपोर्टर ने कहा- कश्मीर में भारत का रुख आक्रामक है। वह मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है। भारत संयुक्त राष्ट्र की बात मानने को भी तैयार नहीं है। सवाल पूरा सुने बिना ही ट्रम्प ने पहले इमरान को देखा और फिर इशारा करते हुए कहा- इस तरह के रिपोर्टर्स को मैं पसंद करता हूं।
‘क्या आप इमरान की टीम का हिस्सा हैं’
इस रिपोर्टर ने ट्रम्प की बात को अनसुना करते हुए बोलना जारी रखा। ट्रम्प ने फिर इमरान की तरफ देखा और कहा- ऐसे रिपोर्टर मुझे पसंद हैं। लेकिन वह संवाददाता शायद हालात नहीं समझा। उसने बोलना जारी रखा। तब ट्रम्प झल्ला गए। उन्होंने कहा- क्या आप इमरान की टीम का हिस्सा हैं। रिपोर्टर ने कहा- जी नहीं, मैं उनकी टीम का हिस्सा नहीं हूं। इसके बाद भी बोलता रहा तो ट्रम्प ने कहा- ये आपका बयान है, सवाल नहीं। एक अन्य संवाददाता ने भी इसी तरह की हरकत की। उसने भी मानवाधिकार उल्लंघन का मसला उठाया। इस पर ट्रम्प ने संभवत: आपा खो दिया। इमरान की तरफ देखते हुए कहा- आखिर, ऐसे रिपोर्टर लाते कहां से हो। इमरान खिसियाते नजर आए।
‘मोदी का बयान आक्रामक था’
एक पत्रकार ने हाउडी मोदी कार्यक्रम और कश्मीर पर सवाल पूछा। ट्रम्प ने उससे कहा- मैं भी वहां मौजूद था। आपने भी देखा होगा कि भारतीय प्रधानमंत्री ने कितने आक्रामक तरीके से यह मसला उठाया। 59 हजार लोगों ने उसका पुरजोर तरीके से जवाब दिया। मुझे लगता है मोदी इस मुद्दे पर काफी आक्रामक हैं।
कश्मीर मसला हल करने पर नोबेल
एक संवाददाता ने इमरान से सवाल किया। पूछा- अगर आप कश्मीर मुद्दे का समाधान निकाल देते हैं तो आपको नोबेल पुरस्कार मिल सकता है। इस पर ट्रम्प ने तंज कसते हुए कहा- अगर पारदर्शी तरीके से पुरस्कार दिए जाएं तो मुझे दूसरी भी कई चीजों के लिए नोबेल मिल सकता है। ओबामा को ये पुरस्कार दिया गया। वे (नोबेल कमेटी) राष्ट्रपति बनने के फौरन बाद पुरस्कार देते हैं। लेकिन मुझे नहीं दिया जाता। मुझे समझ नहीं आता कि ओबामा को ये पुरस्कार क्यों दिया गया।
‘पाकिस्तान के पास दोस्ताना पड़ोसी हैं’
इमरान प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ज्यादातर असहज ही नजर आए। बोले भी कम। शुरुआत में उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा- मैं राष्ट्रपति से अफगानिस्तान पर बात करना चाहूंगा। अगर वहां स्थिरता रहती है तो पाकिस्तान में भी रहेगी। हम भारत, कश्मीर और ईरान के बारे में बात करना चाहते हैं। इस पर ट्रम्प ने चुटकी लेते हुए कहा- आप बहुत दोस्ताना पड़ोसियों के साथ रह रहे हैं।