मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर पलटवार करते हुए अभिनेत्री कंगना रनौत ने सोमवार को उन्हें ‘‘भाई-भतीजावाद का सर्वाधिक खराब उदाहरण’’ करार दिया और कहा कि उनका राज्य हिमाचल प्रदेश ‘देवभूमि’ है, न कि ‘गांजे का खेत।’इससे एक दिन पहले ठाकरे ने दशहरा रैली में रनौत पर निशाना साधा था।अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की जांच को लेकर रनौत राज्य सरकार की कटु आलोचक रही हैं और बॉलीवुड को मादक पदार्थ की स्थली करार दे चुकी हैं।
ठाकरे ने रनौत पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा था कि जिन लोगों को अपने गृह राज्य में आजीविका नहीं मिलती, वे मुंबई आते हैं और इसे धोखा देते हैं। मुंबई को पीओके कहना अ सल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विफलता है। उन्होंने कहा था कि वह पीओके को भारत में वापस लाएंगे।
अभिनेत्री द्वारा मुंबई को पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) करार दिए जाने पर शिवसेना और उनके बीच जुबानी जंग छिड़ गई थी।मुख्यमंत्री ने राजपूत की मौत के मामले में अपने पुत्र आदित्य ठाकरे के खिलाफ आरोपों पर चुप्पी तोड़ते हुए वार्षिक दशहरा रैली में कहा था कि जो लोग बिहार के बेटे को न्याय दिलाने के लिए चिल्ला रहे हैं, वे महाराष्ट्र के बेटे का चरित्र हनन कर रहे हैं।
रनौत ने इसपर पलटवार करते हुए सिलसिलेवार ट्वीट किए और सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी अपलोड किया। उन्होंने कहा कि ठाकरे ने अपने संबोधन में उन्हें ‘नमक हराम’ कहकर उन्हें गाली दी है।
अदाकारा ने वीडियो में कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में आपने एक राज्य को सिर्फ इसलिए नीचा दिखाया है क्योंकि आप एक लड़की से नाराज हैं जो आपके बेटे की उम्र की है। जब ‘आजाद कश्मीर’ के नारे लगने और मुझे धमकी मिलने के बाद मैंने मुंबई को पीआके करार दिया तो आप मुझसे बहुत नाराज हुए। आपकी ‘सोनिया सेना’ ने इस सबका बचाव किया, इसीलिए मैंने इसकी तुलना पीओके से की थी।उन्होंने कहा कि पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने उन्हें गाली दी थी और अब ठाकरे ने दी है।
अभिनेत्री ने ठाकरे से कहा कि आपको शर्म आनी चाहिए। मैं आपके बेटे की उम्र की हूं। इससे पता चलता है कि आप खुद की मेहनत से आगे बढ़ी महिला के बारे में कैसे बात करते हैं। आप भाई-भतीजावाद का सबसे खराब उदाहरण हो।रनौत ने ठाकरे द्वारा हिमाचल प्रदेश को ‘‘गांजे का खेत’’ बताए जाने पर भी मुख्यमंत्री पर हमला बोला और कहा कि हिमाचल प्रदेश ‘देवभूमि’ है।
उन्होंने ठाकरे से कहा कि मैं आपको बताना चाहती हूं कि सरकारें आती-जाती रहती हैं। आप केवल सरकारी सेवक हो और महाराष्ट्र के लोग आपसे प्रसन्न नहीं हैं। सरकारें आती-जाती रहती हैं, लेकिन यदि कोई व्यक्ति अपना सम्मान खो दे तो फिर यह वापस नहीं मिल सकता।