मुंबई : शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे। सीएम देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे के बाद मंगलवार को मुंबई के ट्राइडेंट होटल में शिवसेना, एनसीपी, कांग्रेस और कुछ छोटे दलों की संयुक्त बैठक में महा विकास अघाड़ी का औपचारिक तौर पर गठन हुआ। उद्धव ठाकरे को नवगठित महा विकास अघाड़ी का नेता चुना गया। थोड़ी देर में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के 3 नेता राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर सरकार बनाने का औपचारिक दावा पेश करेंगे। उद्धव ठाकरे फिलहाल विधायक नहीं हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद 6 महीनों के भीतर ही उन्हें विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बनना जरूरी होगा।
पहली बार ठाकरे परिवार से कोई बनेगा मुख्यमंत्री
उद्धव
ठाकरे
1 दिसंबर
को मुंबई
के शिवाजी
पार्क
में
एक भव्य
समारोह
में
महाराष्ट्र
के मुख्यमंत्री
पद का शपथ
लेंगे।
पहली
बार
ठाकरे
परिवार
से कोई
मुख्यमंत्री
बनेगा।
अबतक
ठाकरे
परिवार
खुद
को चुनाव
से दूर
रखता
आया
था लेकिन
इस बार
के विधानसभा
चुनाव
में
परिवार
ने जब इस परंपरा
को तोड़कर
आदित्य
ठाकरे
को चुनाव
मैदान
में
उतारा
था।
यह संकेत
था कि अब शिवसेना
मुख्यमंत्री
पद के लिए
सारा
जोर
लगाएगी।
24 अक्टूबर
को नतीजे
घोषित
होने
के बाद
से ही शिवसेना
ने बीजेपी
पर आदित्य
ठाकरे
को मुख्यमंत्री
बनाने
का दबाव
डालना
शुरू
कर दिया।
हालांकि,
बीजेपी
से गठबंधन
टूटने
के बाद
बदली
परिस्थितियों
में
खुद
उद्धव
को सीएम
पद के लिए
तैयार
होना
पड़ा।
उद्धव
ठाकरे
के साथ
कांग्रेस
और एनसीपी
से एक-एक नेता
डेप्युटी
सीएम
पद का भी शपथ
ले सकते
हैं।
एनसीपी
की तरफ
से जयंत
पाटिल
और कांग्रेस
की तरफ
से बालासाहेब
थोराट
डेप्युटी
सीएम
बन सकते
हैं।
बालासाहेब होते तो बहुत खुश होते: पवार
महाविकास
अघाड़ी
के नेता
और मुख्यमंत्री
के तौर
पर उद्धव
ठाकरे
के नाम
के प्रस्ताव
के पास
होने
के बाद
एनसीपी
चीफ
शरद
पवार
ने कहा
कि राज्य
में
बदलाव
की जरूरत
थी।
बालासाहेब
ठाकरे
का जिक्र
करते
हुए
शरद
पवार
ने कहा
कि वह काफी
हाजिरजवाब
थे।
अगर
आज वह होते
तो बहुत
ज्यादा
खुश
होते।
पवार
ने कहा,
‘महाविकास
अघाड़ी
के 3 प्रतिनिधि
आज राज्यपाल
से मिलेंगे
और सरकार
बनाने
का दावा
पेश
करेंगे।
शपथग्रहण
1 दिसंबर
को मुंबई
के शिवाजी
पार्क
में
आयोजित
किया
जाएगा।’
उद्धव ने पवार, सोनिया को कहा धन्यवाद
महा विकास अघाड़ी का नेता चुने जाने के बाद उद्धव ठाकरे ने एनसीपी चीफ शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का खास तौर पर आभार जताया। उन्होंने कहा, ‘आप लोगों ने मुझे अपना नेता चुना है। हम सब एक परिवार की तरह काम करेंगे। आम आदमी को लगना चाहिए कि यह उसकी सरकार है।’ इस मौके पर उन्होंने अपने पिता बालासाहेब ठाकरे को याद किया। उद्धव ने कहा, ‘कभी सोचा नहीं था कि मैं सीएम बनूंगा। संघर्ष के समय बालासाहेब की बहुत याद आती है।’
विचारधारा से कोई समझौता नहीं किया: उद्धव
उद्धव ठाकरे ने यह भी स्पष्ट करने की कोशिश की कि शिवसेना ने हिंदुत्व की विचारधारा से समझौता नहीं किया है। उन्होंने कहा, ‘मेरे हिन्दुत्व में किसी तरह का झूठापन नहीं है। वे कह रहे हैं कि हमने शिवसेना के आदर्शों का उल्लंघन किया लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि उनको पालकी में बिठाने के लिए शिवसेना की स्थापना नहीं हुई थी।’
उद्धव ने पीएम मोदी से जल्द मिलने के दिए संकेत
उद्धव ने यह भी संकेत दिया कि वह जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने दिल्ली जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘सरकार बनने के बाद बड़े भाई को मिलने के लिए दिल्ली जाने वाला हूं। देवेंद्र फडणवीस के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद लगा कि यह रिश्ता अब नहीं रहना चाहिए।’ बीजेपी पर तंज कसते हुए शिवसेना चीफ ने कहा कि विपरीत विचारधारा वाले तो उन पर भरोसा कर लिए लेकिन समान विचारधारा वालों ने नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘विपरीत विचारधारा वाले लोगों ने मुझपर भरोसा कर लिया लेकिन जिन समान विचारधारा वाले लोगों के साथ मैं तीस सालों से था, उन्होंने मुझपर भरोसा नहीं किया।’
बैठक में नहीं आए अजित पवार
बैठक में शरद पवार, उद्धव ठाकरे, अशोक चव्हाण समेत शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के तमाम बड़े नेता और नवनिर्वाचित विधायक शामिल हुए। समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी भी बैठक में मौजूद रहें। उनके अलावा, स्वाभिमानी पक्ष के नेता राजू शेट्टी भी बैठक में शामिल हुए। खास बात यह रही कि डेप्युटी सीएम पद से इस्तीफा देने वाले अजित पवार बैठक में शामिल नहीं हुए।
बुधवार को शपथ लेंगे नव निर्वाचित विधायक
फडणवीस के इस्तीफे के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बीजेपी विधायक कालिदास कोलंबकर को प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ दिलाई। इसके अलावा, राज्यपाल ने बुधवार को महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। इसमें प्रोटेम स्पीकर नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बदल गया दृश्य
सोमवार को शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस ने होटल में 162 विधायकों का परेड कराकर शक्ति प्रदर्शन किया था। लेकिन सोमवार तक बीजेपी के नेता 170 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे थे और यह कहते हुए सुने जा रहे थे कि बहुमत परीक्षण होटल में नहीं, विधानसभा के पटल पर होता है। इस तरह बीजेपी लगातार ऐसे जता रही थी, जैसे बहुमत परीक्षण के वक्त अन्य पार्टियों के कई विधायक फडणवीस सरकार के पक्ष में क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं। लेकिन मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र का सियासी सीन अचानक बदल गया। कोर्ट ने बुधवार को बहुमत परीक्षण का आदेश दिया। इसके कुछ ही घंटे बाद अजित पवार ने डेप्युटी सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। महा विकास अघाड़ी खेमे के लिए यह बड़ी जीत थी। इसके कुछ ही देर बाद देवेंद्र फडणवीस ने भी फ्लोर टेस्ट से पहले इस्तीफा दे दिया।