माकपा नेता पर पार्टी बंदीश का कोई असर नहीं
कोलकाता ः माकपा प्रदेश शाखा ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा था कि कोलकाता के पूर्व मेयर व पार्टी के वरिष्ठ नेता सह अधिवक्ता विकास रंजन भट्टाचार्य भाजपा नेता मुकुल राय का मुकदमा कलकत्ता हाईकोर्ट में नहीं लड़ेंगे। माकपा ने साथ ही बयान दिया था कि विकास, मुकुल का पक्ष भी अदालत में नहीं रखेंगे। लेकिन पार्टी(माकपा) के बंदीश को दरकिनार करते हुए पूर्व मेयर विकास रंजन भट्टाचार्य ने बुधवार को हाईकोर्ट में न केवल मुकुल राय का पक्ष रखा, बल्की अपनी दमदार दलीलों के दम पर उनके खिलाफ बैंकशाल कोर्ट द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट को भी खारिज कराने में सफलता पाई।
वैसे, माकपा की ओर से विकास रंजन भट्टाचार्य के कदम पर कोई प्राथमिक प्रतिक्रिया नहीं मिली, लेकिन अलीमुद्दीन सूत्रों का कहना है कि पार्टी इस मामले को देख रही है तथा संभव है कि वह विकास से इस बारे में विकास से बातचीत कर बयान जारी कर सकती है। वहीं, करीबी लोगों से बातचीत में विकास ने स्पष्ट किया है कि पार्टी व पेशा, दोनों अलग -अलग हैं। वे पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता हैं तथा पूछने पर वे पार्टी को जवाब भी देंगे। मालूम हो कि भाजपा नेता मुकुल राय के खिलाफ 2018 में 80 लाख रुपए के भ्रष्टाचार में बड़ाबाजार में एक मामला दर्ज किया गया था। इसमें बैंकशाल कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट ने मुकुल की अपील पर उन्हें 10 दिनों का रक्ष कवच देते हुए हाईकोर्ट में अपील करने का आदेश दिया था। बुधवार को मुकुल की अपील पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में विकास रंजन भट्टाचार्य ने उनका पक्ष रखा।