विश्वभारती के तीन अधिकारी बैठक के विवरण से ‘छेड़छाड़’ करने के आरोप में सेवा से बर्खास्त

कोलकाता: विश्वभारती की पूर्व कार्यवाहक कुलपति सबुजकली सेन सहित तीन वरिष्ठ अधिकारियों को संस्थान की कार्यकारी परिषद की 2018 में हुई बैठक में दर्ज एक प्रस्ताव में कथित तौर पर छेड़छाड़ के लिए सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।कार्यकारी परिषद के एक सदस्य ने बताया कि यह निर्णय शुक्रवार शाम को परिषद द्वारा लिया गया। परिषद ने यह निर्णय इस उद्देश्य के लिए गठित न्यायमूर्ति ज्योतिर्मय भट्टाचार्य की एक सदस्यीय समिति द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर लिया।

कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति भट्टाचार्य ने सिफारिशें करने से पहले, मामले में अन्य जांच समिति के निष्कर्षों पर गौर किया था जिसमें कहा गया था कि सेन और दो अन्य ने फरवरी 2018 में आयोजित कार्यकारी परिषद की एक बैठक की रिकॉर्डिंग के साथ छेड़छाड़ की थी।’’कार्यकारी परिषद के सदस्य ने कहा कि परिषद द्वारा हटाये गए संस्थान के दो अन्य अधिकारियों में पूर्व कार्यवाहक रजिस्ट्रार सौगत चट्टोपाध्याय और पूर्व वित्त अधिकारी समित रॉय शामिल हैं।

प्रो. स्वपन दत्त के पद से सेवानिवृत्त होने के कुछ दिनों बाद सेन को दो फरवरी, 2018 को कार्यवाहक कुलपति (वीसी) नियुक्त किया गया था। हालांकि, उनका कार्यकाल कुछ दिनों के लिए ही निर्धारित था, क्योंकि कार्यकारी परिषद ने उस वर्ष 17 फरवरी को अपनी बैठक के दौरान, एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी आशा मुखर्जी को अगला कार्यवाहक कुलपति नियुक्त करने का निर्णय लिया।

पूर्व कार्यवाहक कुलपति ने चट्टोपाध्याय और रॉय की मदद से, कथित रूप से ‘‘बैठक के विवरण के साथ छेड़छाड़’’ की ताकि वह अपना कार्यकाल बढ़ा सकें।परिषद ने दो दिन पहले आयोजित एक आपात बैठक में सेन की सेवानिवृत्ति से मात्र तीन दिन पहले अधकारियों को तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया।सेन ने परिषद के निर्णय को ‘‘प्रतिशोधी, पूर्व-निर्धारित, अनुचित’’ बताया और दावा किया कि उन्हें दस्तावेज पेश करने और स्वयं का बचाव करने के लिए समय नहीं दिया गया।परिषद के सदस्य ने कहा कि तीनों अधिकारियों को विश्वविद्यालय के निर्णय के बारे में ईमेल के जरिये सूचित कर दिया गया है।

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