राज्यसभा से बहिर्गमन का मतलब विधेयक का समर्थन करना नहीं : ममता

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने वाले विधेयक का कड़ा विरोधी करेगी। केन्द्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को दो केन्द्र शासित प्रदेशों-जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांटने का प्रस्ताव पेश किया है। बनर्जी ने कहा कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संवैधानिक प्रावधानों को हटाये जाने संबंधी निर्णय लेने से पहले केन्द्र सरकार को सभी राजनीतिक दलों के साथ चर्चा करनी चाहिए थी। मुख्यमंत्री ने चेन्नई जाने से पहले यहां नेताजी सुभाष चन्द्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पत्रकारों से कहा, ‘सरकार सभी राजनीतिक दलों और कश्मीरियों से चर्चा करने के बाद निर्णय ले सकती थी। कश्मीर मुद्दे पर कोई वोट या चर्चा नहीं हुई। यह लोकतांत्रिक नहीं है।’ बनर्जी, द्रमुक नेता और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करूणानिधि की एक प्रतिमा का अनावरण करने के लिए चेन्नई गयी हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में जम्मू कश्मीर राज्य का पुनर्गठन करने और दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने के प्रस्ताव संबंधी संकल्प पेश किया था। सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को भी हटा दिया था। हालांकि, राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने विधेयक पर मतदान के समय सदन से बहिर्गमन किया था। बनर्जी ने कहा, ‘राज्यसभा से बहिर्गमन का मतलब यह नहीं हैं कि हम इस विधेयक का समर्थन कर रहे हैं।’

आतंकी नहीं हैं उमर और महबूबा’

ममता ने आगे कहा, ‘मुझे फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के बारे में कोई जानकारी नहीं है। मैं सरकार से अपील करना चाहती हूं कि उन्हें बहिष्कृत महसूस नहीं कराना चाहिए। वे आतंकवादी नहीं हैं। उन्हें लोकतांत्रिक संस्थाओं के हित में तुरंत रिहा कर देना चाहिए।’

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