12 पार्षद भाजपा छोड़ तृणमूल में हुए शामिल
कोलकाता : भाटपाड़ा नगर पालिका में 12 पार्षद भाजपा का साथ छोड़कर बुधवार को दुबारा तृणमूल में दोबारा शामिल हो गए हैं। इसी के साथ यहां फिर तृणमूल कांग्रेस बहुमत में आ गई है। तृणमूल के भाटपाड़ा नगर पालिका में बहुमत हासिल करने के साथ ही भाजपा के हाथ से वे सभी सात नगर पालिकाएं निकल गयी हैं जिन पर उसने 2019 के लोकसभा चुनाव के साथ कब्जा किया था। यह राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि भाटपाड़ा पहली नगर पालिका थी जिसपर स्वतंत्रता के बाद भाजपा ने कब्जा किया था। एक वरिष्ठ तृणमूल मंत्री ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा में शामिल होने वाले बारह पार्षद पुनः तृणमूल में शामिल हो गए हैं। 34 सदस्यों वाली नगर पालिका में तृणमूल के 19 पार्षदों ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के उत्कृष्ट प्रदर्शन के बाद उसका दामन थाम लिया था। बाद में कुछ और तृणमूल पार्षद भाजपा में शामिल हुए थे। तृणमूल से भाजपा में आए कुल 26 पार्षदों में से बारह ने बुधवार को यहां तृणमूल भवन में वरिष्ठ नेताओं फिरहाद हाकिम और ज्योतिप्रियो मलिक की उपस्थिति में दोबारा तृणमूल की सदस्यता ग्रहण कर ली। मलिक ने कहा, बारह पार्षदों के वापस पार्टी में आने के बाद 34 सदस्यीय भाटपाड़ा नगर पालिका में हमारी संख्या 21 हो गयी है। हम जल्दी ही अविश्वास प्रस्ताव लाकर नगर पालिका का नियंत्रण अपने हाथों में ले लेंगे।’ वरिष्ठ भाजपा नेता मुकुल रॉय ने तृणमूल पर राजनीतिक और प्रशासनिक दबाव डालकर पार्षदों को दोबारा पार्टी में शामिल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पार्षदों के भाजपा में शामिल होने के बाद से ही उन्हें पुलिस और गुंडों द्वारा धमकाया जा रहा था। इसके साथ ही बैरकपुर से भाजपा के सांसद अर्ज्ाुन सिंह ने आरोप लगातेे हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस पार्षदों को डरा-धमका कर अपने साथ ले गयी है। उन्होंने कहा कि अभी नगर पालिका के च्ाुनाव में समय है। इसके साथ ही उन्होंने पुलिस प्रशासन पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि तृणमूल के इशारे पर पुलिस 8 पार्षदों को जबरन उठा कर ले गयी और तृणमूल में शामिल करवाया।