पश्चिम बंगाल ने शराब पर लगाया 30 प्रतिशत बिक्री कर

कोलकाता : जाहिरा तौर पर राजस्व बढाने के उपाय के तहत पश्चिम बंगाल सरकार ने वाइन और बीयर पर 30 प्रतिशत बिक्री कर लगा दिया है। राज्य वित्त विभाग से जुड़े सूत्र ने सोमवार यह जानकारी दी।सरकार ने सात अप्रैल को अधिसूचना जारी कर कहा कि नयी कीमतें नौ अप्रैल से लागू हो गयी हैं।जुलाई 2017 में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था लागू होने के बाद राज्य सरकार ने शराब से बिक्री कर हटा दिया था। इसके स्थान पर पहले से लगे आबकारी शुल्क के साथ अतिरिक्त आबकारी शुल्क लगा दिया था।सूत्र ने बताया, ‘‘संबंधित कानून में संशोधन कर राज्य सरकार ने शराब की बोतल पर दर्ज अधिकतम खुदरा मूल्य पर 30 प्रतिशत का बिक्री कर लगाया है। नयी कीमतें नौ अप्रैल से प्रभावी हो गयी हैं।’’ सूत्र ने कहा कि सरकार आबकारी, अतिरिक्त आबकारी और बिक्री कर को जोड़कर नए अधिकतम खुदरा मूल्य के स्टिकर छपवा रही है। इन्हें शराब की बोतलों पर लगाया जाएगा।सूत्र ने बताया कि नए दाम के स्टिकर पश्चिम बंगाल राज्य पेय निगम (बेवको) के पास पड़े स्टॉक पर भी लगाए जाएंगे। वहीं नया स्टॉक नए स्टिकर के साथ आएगा।बेवको बंगाल राज्य सरकार का उपक्रम है। यह वाइन और बीयर की राज्य में इकलौती थोक विक्रेता है।कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में 25 मार्च से जारी लॉकडाउन (सार्वजनिक पाबंदी) के चलते राज्य में देसी शराब के ठेकों समेत अन्य शराब की बिक्री पर रोक लगी है।
पिछले वित्त वर्ष में राज्य सरकार ने शराब की बिक्री से 11,200 करोड़ रुपये की आय की थी।
विदेशी शराब-देशी शराब विक्रेता, ऑफ एंड ऑन शॉप और होटल मालिकों के संघ के राज्य सचिव गौतम मुखर्जी ने कहा कि बिक्री कर लगाने का शराब की बिक्री पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि इससे शराब की कीमतें अचानक से बढ़ जाएंगी जबकि ओडिशा, असम और सिक्किम जैसे अन्य राज्यों में शराब पर शुल्क कम है, ऐसे में राज्य में शराब की तस्करी बढ़ने की संभावना है।

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