दुष्यंत चौटाला किस दल को करेंगे समर्थन इसपर नहीं खोले पत्ते

नई दिल्ली : दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा में किस दल को समर्थन देंगे इसपर अपने पत्ते अभी नहीं खोले हैं। जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) कार्यकारिणी की बैठक के बाद दुष्यंत ने कहा कि जो भी पार्टी उनकी शर्तों को मानेगी उन्हें ही वह समर्थन देंगे। दुष्यंत ने यह भी साफ किया कि उनके लिए बीजेपी या कांग्रेस अछूत नहीं है और वह दोनों पार्टियों से बात कर सकते हैं। दुष्यंत ने कहा कि आज भी हरियाणा में सत्ता की चाबी उनके पास है।


दुष्यंत ने नहीं खोले पत्ते, किसी के भी साथ जाने का संकेत दिया
दुष्यंत ने बीजेपी के साथ या कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के मुद्दे पर कहा, ‘प्रदेश के अंदर कैसे आगे चला जाए, किस विषय को लेकर आगामी कदम उठाया जाए इस पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी के साथ चर्चा हुई। जेजेपी के अजेंडे को जो दल सपॉर्ट करेगा हम उसके साथ जाएंगे। प्रदेश के अंदर 75% हरियाणवी रोजगार अधिकार, वृद्धावस्था पेंशन इन विषयों पर जो भी पॉलिटिकल दल सहमत होगा जेजेपी पूरी तरह से मिलकर सरकार उसके साथ सरकार बनाने का प्रयास करेगी।’


हरियाणा के युवाओं को प्राथमिकता देने की बात कही
दुष्यंत ने साफ तौर पर संकेत दे दिया है कि प्रदेश के युवा वोटरों से मिले पुरजोर समर्थन का वह सम्मान करेंगे। उन्होंने कहा, ‘हमारी वोटिंग पॉप्युलेशन का 56% युवा था। अधिकतम युवाओं की ताकत हमको मिली है। 75% युवाओं को रोजगार के दायरे में लाना हमारी प्राथमिकता है। हमने अभी तक सरकार बनाने पर किसी से बात नहीं की है। अब हम सबसे बात करेंगे कुछ घंटे या कुछ दिन में पता चल जाएगा।’

‘बीजेपी-कांग्रेस दोनों के लिए खुले हैं दरवाजे’
जेजेपी के युवा अध्यक्ष ने पहले चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के साथ ही संकेत दिए हैं कि वह व्यावहारिक राजनीति के लिए बने हैं। बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ने के प्रश्न पर उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि मैंने कांग्रेस के साथ भी मिलकर चुनाव नहीं लड़ा। उन्होंने कहा, ‘हमारे लिए कोई अछूत नहीं है। जो हमारे कॉमन मिनिमम अजेंडा प्रोग्राम को आगे बढ़ाएगा हम उसके साथ जाएंगे। हमारे देवेंद्र बबली जी 52 हजार वोटों से, रामचरण काला ने 38 हजार वोटों से जीत दर्ज की है। हमारी पार्टी ने कांग्रेस के दिग्गजों को हराया है तो बीजेपी के दिग्गजों को भी मात दी है।’

‘स्थिर सरकार के लिए जेजेपी का सहयोग जरूरी’
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि दोनों ही पार्टियों में जो भी हमारी मांगों पर गंभीरता से काम करेगी उसके साथ जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘हम त्याग करके भी वृद्धावस्था पेंशन में बढ़ोतरी करा पाए, रोजगार दिला पाए तो हमारे किसी साथी को इससे इनकार नहीं है। सत्ता की चाबी आज भी हमारे पास है। अगर प्रदेश में स्थिर सरकार चाहिए तो हमारे बिना यह संभव नहीं है। अगर जोड़-तोड़ से सरकार बन सकती है तो शुभकामनाएं।’

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