पूरे देश में हत्या के मामले में बंगाल है चौथे नंबर पर
2017 की तुलना में वर्ष 2018 में हत्याओं के मामले में आयी है कमी
कोलकाता : दहेज लेना और देना, दोनों ही अपराध की श्रेणी में आता है। मगर हमारे समाज में आज भी दहेज प्रथा चली आ रही है। इतना ही नहीं दहेज के कारण सबसे ज्यादा हत्याएं भी हुई है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार दहेज के कारण हत्याओं के मामले में बंगाल में सबसे ज्यादा हत्याएं हुई है। साथ ही एनसीआरबी के अनुसार बंगाल में पिछले 3 सालों के रिकॉर्ड देखा जाये तो वर्ष 2016 से 2018 में प्रति वर्ष ही हत्याओं के मामले में कमी आयी है। हालांकि पूरे देश में हत्याओं के मामले वर्ष 2017 की तुलना में 2018 में बढ़े है जबकि बंगाल में वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2018 में हत्याओं के मामले में कमी आयी है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) से मिली जानकारी के अनुसार पूरे देश में वर्ष 2018 में 29017 हत्याओं के मामले दर्ज हुए हैं जो वर्ष 2017 में दर्ज 28653 हत्याओं की मामले से ज्यादा है। यानी हत्याओं के मामले में 1.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मगर एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार बंगाल में हत्याओं के मामले में कमी आयी है। वर्ष 2016 में बंगाल में 2044 मामले दर्ज कियेे गये थे जो वर्ष 2017 में घटकर 2001 हुई थी। वहीं वर्ष 2018 में हत्याओं के मामले घटकर 1933 हो गयी थी। आंकड़ों के अनुसार पूरे देश में हत्या के मामले में बंगाल चौथे नंबर पर है। हत्या के मामले में उत्तरप्रदेश शीर्ष पर है जहां हत्या की 4018 मामले दर्ज किये गये हैं, जबकि दॅूसरे स्थान पर बिहार है जहां 2934 मामले दर्ज हुए हैं। वहीं तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र है जहां 2199 मामले और पांचवें स्थान पर मध्यप्रदेश है जहां 1879 मामले दर्ज किये गये हैं।
दहेज के कारण बंगाल में हुई है 356 हत्याएं
एनसीआरबी से मिले आंकड़ों के अनुसार बंगाल में हत्या के पीछे देहज एक सबसे बड़ा कारण है जिसके कारण हत्याएं हुई है। बंगाल में दहेज के कारण 356 हत्याएं हुई है। हालांकि दहेज के बाद विवाद में सबसे ज्यादा हत्या के मामले दर्ज किये गये हैं। विवाद में 232 हत्याएं हुई है। वह जमीन विवाद में 67, पारिवारिक विवाद में 128, मामूली विवाद में 13, रुपये को लेकर विवाद में 24, आपसी दुश्मीन में 163, लाभ के लिए 50 हत्याएं हुई है। हालांकि अवैध संबंध के कारण 30, प्रेम संबंध में 28, बिना किसी कारण के 29 , राजनीतिक कारणों से 12 और डकैती के दौरान 3 हत्याएं हुई है।
18 से 30 वर्ष के युवाओं की हुई है सबसे ज्यादा हत्याएं
एनसीआरबी आंकड़ों के अनुसार युवाओं की हत्या बंगाल में सबसे ज्यादा हुई है। 18 से 30 वर्ष के भीतर आयु के 854 युवाओं की हत्याएं की गयी है। इनमें पुरुषों की संख्या 385 है जबकि महिलाओं की संख्या 469 है। हालांकि इसके बाद 30 से 45 वर्ष के आयु के लोगों की हत्याएं हुई है। इस उम्र के 789 लोग है जो हत्या का शिकार हुए हैं। इस उम्र के पुरुषों की हत्या सबसे ज्यादा है। मसलन 473 पुरुषों की हत्या की गयी है जबकि 316 महिलाएं है जिन्हें मौत के घाट उतारा गया है।
Written By – बबीता माली