जल जीवन मिशन के तहत 1.91 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजनाओं पर काम जारी : शेखावत

नयी दिल्ली:जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि देश के गांवों में हर घर को पीने का पानी मुहैया कराने के उद्देश्य से शुरू किए गए जल जीवन मिशन के तहत 1.91 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजनाओं पर काम चल रहा है।
उच्च सदन में जल शक्ति मंत्रालय के कामकाज पर सोमवार को हुई चर्चा का जवाब दे रहे शेखावत ने यह भी बताया कि परियोजनाओं के कारगर कार्यान्वयन के लिए केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ संपर्क बनाए हुए है।
जल संकट को आज देश के समक्ष मौजूद बड़ी चुनौतियों में से एक बताते हुए शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता की परेशानी देखते हुए इसके समाधान के लिए कई कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा ‘‘जल संकट का देश के सकल घरेलू उत्पाद पर छह फीसदी तक असर पड़ सकता है। यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि देश में 2030 तक पानी की जरूरत दोगुना हो जाएगी और 2050 तक यह चार गुना बढ़ जाएगी।’’
उन्होंने कहा कि तमाम चुनौतियों के बावजूद प्रधानमंत्री ने 2024 तक हर घर को पानी मुहैया कराने का लक्ष्य रखा है।
मंत्री ने बताया कि आगामी 22 मार्च से पूरे देश में एक बार फिर जलशक्ति अभियान शुरू किया जा रहा है जो देश के सभी 700 जिलों में चलेगा।
उन्होंने कहा कि जल शक्ति अभियान के पहले चरण का ऐलान 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से किया था और 25 दिसंबर को सुशासन दिवस पर इस योजना की शुरुआत हुई थी। ’’
शेखावत के अनुसार, आगामी 22 मार्च से पूरे देश में एक बार फिर से जलशक्ति अभियान शुरू किया जा रहा है जो देश के सभी 700 जिलों में चलेगा। यह अभियान का दूसरा चरण होगा।
उन्होंने कहा ‘‘ 25 दिसंबर 2019 को जल शक्ति अभियान का पहला चरण शुरू हुआ। 25 मार्च 2020 को कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए देश में लॉकडाउन लगाया गया। इसके बावजूद हमारी ओर से एक दिन भी बर्बाद नहीं जाने दिया गया। हमने वेबिनार के जरिये तैयारी जारी रखी और इसके फलस्वरूप करीब 15 माह में ही तीन करोड़ 85 लाख घरों में हम नल के माध्यम से पानी पहुंचा रहे हैं जबकि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय यह आंकड़ा तीन करोड़ 23 लाख घरों का था।’’
उन्होंने कहा कि अब 85 हजार गांवों में महिलाओं को पानी लेने के लिए घरों से बाहर नहीं जाना पड़ता, यह एक बड़ी उपलब्धि है।
शेखावत ने कहा कि अब पीने के पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए, इस बारे में जागरुकता फैलाने की खातिर देश के प्रत्येक जिले में, हर ब्लॉक में प्रयोगशाला स्थापित करने की योजना बनाई गई है।
उन्होंने कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में पानी से जुड़े अलग अलग मंत्रालय थे और उनके काम सबको पता हैं। ‘‘लेकिन मोदी सरकार ने ऐसे सभी मंत्रालयों को मिला कर जल शक्ति मंत्रालय बनाया और जल की चुनौती से निपटने का बीड़ा उठाते हुए जल के आंदोलन को जन जन का आंदोलन बनाने की प्रक्रिया शुरु की।’’
उन्होंने कहा ‘‘पंचायत व्यवस्था के करीब ढाई लाख प्रतिनिधियों को पत्र लिख कर सरकार की ओर से स्थानीय स्तर पर जल ग्राम सभा आयोजित करने और जल को बचाने और उसके संरक्षण पर चर्चा करने का अनुरोध किया गया। दो लाख से अधिक पंचायतों में यह काम हुआ।’’
शेखावत ने कहा कि इसके बाद जल शक्ति अभियान शुरु हुआ जिसके तहत देश के 256 जिले चिह्नित कर वहां अधिकारियों को भेजा गया। इस कार्य में वनीकरण, परंपरागत जल स्रोतों का पुनरुद्धार, जल संरक्षण, जल संचयन जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया। ‘‘इस कार्य की सफलता को देख कर विभिन्न दलों के सांसदों ने इस अभियान के तहत अपने अपने जिलों को चुने जाने का अनुरोध किया था।’’
उन्होंने कहा कि अब 22 मार्च से यह अभियान देश के 700 जिलों में शुरू होने जा रहा है।

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