राज्यों को भरोसे में नहीं लेना चिंताजनक : ममता

-करुणानिधी की जयंती में शामिल हुईं मुख्यमंत्री

-चेन्नई में पूर्व मुख्यमंत्री की मूर्ति का किया उद्घाटन

कोलकाता/चेन्नई : मुख्रमंत्री ममता बनर्जी ने तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व डीएमके सुप्रीमो एम करुणानिधि की पहली पुण्रतिथि पर बुधवार को उन्हें श्रद्धांजलि दी। साथ ही उन्होंने करुणानिधी की मृत्यु दिवस के एक साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में उनकी मूर्ति के उद्घाटन में भी हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री मंगलवार शाम ही चेन्नई के लिए रवाना हुई थीं। वहां उन्होंने द्रमुक के मुरासोली कार्रालर में तमिलनाडु के पूर्व मुख्रमंत्री की प्रतिमा का अनावरण भी किया। इस बीच ममता ने ट्वीट कर कहा कि तमिलनाडु के पूर्व मुख्रमंत्री एम करुणानिधि को उनकी पुण्रतिथि पर श्रद्धांजलि। इस मौके पर ममता ने कहा कि हम केंद्र के इस कदम से चिंतित हैं। राजनीतिक दल कभी कोई फैसला ले ही सकते हैं। लेकिन अगर वे तमिलनाडु के बारे में फैसला लेते हैं तो उन्हें तमिलनाडु के लोगों को विश्‍वास में लेना चाहिए। अगर वे पश्‍चिम बंगाल के बारे में कोई निर्णय लेते हैं तो उन्हें बंगाल के लोगों को विश्‍वास में लेना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। ममता ने कहा कि उन्हें लगता है कि आज के कार्यक्रम में फारुख अब्दुलाजी को उपस्थित रहना चाहिए था। लेकिन वे यहां आने में असमर्थ हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने एक वीडियो देखा जिसमें वे रो रहे थे क्योंकि वे अपनी बेटी के घर भी नहीं जा सकते। यह क्या है? सूत्रों के अनुसार करुणानिधि के बेटे एवं द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के अध्रक्ष एमके स्टालिन ने ममता बनर्जी और कई अन्र नेताओं को करुणानिधि की पहली पुण्रतिथि के अवसर पर बुधवार को आरोजित स्मारक बैठक में उपस्थित थे। स्टालिन ने व्यक्तिगत तौर पर ममता बनर्जी को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। मालूम हो ककि करुणानिधि का लंबी बीमारी के बाद पिछले साल सात अगस्त को चेन्नई में निधन हो गया था।

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