कोलकाता में जीआरएसई ने दो नए युद्धपोत किए लांच

तटीय जल में पनडुब्बी रोधी अभियान व कम तीव्रता वाले समुद्री अभियान में आएगी काम


कोलकाता, समाज्ञा
: तटीय जल में पनडुब्बी रोधी अभियानों और कम तीव्रता वाले समुद्री अभियानों को बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना के लिए बनाए गए दो नए युद्धपोत बुधवार को लॉन्च किया। गार्डनरीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) द्वारा निर्मित दो पनडुब्बी रोधी युद्ध उथले जल शिल्प (एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी) को भारतीय वायु सेना के वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी की पत्नी नीता चौधरी द्वारा लॉन्च किया गया। उन्होंने इसका नाम आईएनएस एग्रे और आईएनएस अक्षय जहाज रखा।
जीआरएसई के एक अधिकारी ने कहा कि एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी की प्राथमिक भूमिका तटीय जल में पनडुब्बी रोधी अभियान, कम तीव्रता वाले समुद्री संचालन और खदान बिछाने के संचालन करना है। लॉन्च के मौके पर मुख्य अतिथि एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा कि यह बेहद गर्व की बात है कि भारत आधुनिक युद्धपोत, पनडुब्बी और विमान वाहक पोत बनाने की क्षमता वाले दुनिया के चुनिंदा देशों में से एक है। यह कहते हुए कि संचार के समुद्री मार्ग विश्‍व व्यापार और समृद्धि में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता हैं, चौधरी ने कहा कि हाल की घटनाओं, विशेष रूप से लाल सागर में, ने समुद्री पर्यावरण में खतरों को उजागर किया है।

उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में भारतीय नौसैनिक जहाज खुले समुद्र में गश्त कर रहे हैं और विभिन्न राष्ट्रीयताओं के नाविकों और व्यापारिक जहाजों की सुरक्षा के लिए सहायता प्रदान कर रहे हैं। चौधरी ने कहा कि नौसेना स्वदेशी जहाज निर्माण उद्योगों से बड़ी संख्या में विभिन्न प्रकार के जहाजों को शामिल कर रही है। उन्होंने कहा कि बुधवार को लॉन्च किए गए उन्नत एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी में 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री है, जिसमें अधिकांश उपकरण और सिस्टम घरेलू निर्माताओं से लिए गए हैं। पीएसटी जीआरएसई के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कमोडोर पीआर हरि (सेवानिवृत्त) ने कहा कि कोलकाता स्थित युद्धपोत निर्माता ने अब तक भारतीय नौसेना को 71 युद्धपोतों की आपूर्ति की है। हरि ने कहा कि जीआरएसई वर्तमान में 18 युद्धपोतों वाली नौसेना के लिए चार परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रहा है। उन्होंने कहा कि जीआरएसई युद्धपोत निर्माण में वैश्‍विक नेता बनने की योजना है। उन्होंने कहा कि जीआरएसई के पास देश, दुनिया में उपलब्ध सर्वोत्तम मानव संसाधन हैं। जीआरएसई प्रमुख ने कहा कि रक्षा पीएसयू को भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल से अधिक ऑर्डर की जरूरत है,खासकर हथियार-गहन प्लेटफार्मों के लिए ताकि वह अपनी सभी सुविधाओं में मौजूद जीवंतता को बरकरार रख सके। बुधवार को लॉन्च किए गए जहाज आठ एएस की श्रृंखला में पांचवें और छठे हैं। नौसेना के लिए जीआरएसई द्वारा एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें एक ही श्रेणी के चार जहाज पहले ही लॉन्च किए जा चुके हैं।
जीआरएसई अधिकारी ने कहा कि 77.6 मीटर लंबे और 10.5 मीटर चौड़े ये युद्धपोत 25 नॉट की अधिकतम गति तक पहुंचने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि ये जहाज हल्के टॉरपीडो, एएसडब्ल्यू रॉकेट और बारूदी सुरंगों और बंदूकों से युक्त घातक पनडुब्बी रोधी हथियार पैक करते हैं।

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