भारत- बांग्लादेश सीमा पर फिर मवेशी तस्करों का बीएसएफ जवानों पर हमला, जवाबी कार्रवाई में एक बांग्लादेशी तस्कर ढेर

  • रात के अंधेरे में मवेशियों की जबरन तस्करी की कोशिश को बीएसएफ ने किया नाकाम
  • मौके से छह मवेशियों सहित धारदार हथियार, टार्च व लाठी भी जब्त

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ जवानों और मवेशी तस्करों के बीच फिर मुठभेड़ हुई है। रात के अंधेरे में भारतीय सीमा में घुसपैठ कर मवेशियों को जबरन सीमा पार बांग्लादेश ले जाने की कोशिश कर रहे बांग्लादेशी तस्करों के दल के दुस्साहसिक प्रयास को जवानों ने नाकाम कर दिया। इससे बौखलाए तस्करों के दल ने ड्यूटी पर तैनात जवान पर धारदार हथियारों से जानलेवा हमला कर दिया, जिसके बाद बीएसएफ की जवाबी फायरिंग में एक बांग्लादेशी तस्कर ढेर हो गया। बीएसएफ सूत्रों ने बुधवार को बताया कि यह घटना बल के दक्षिण फ्रंटियर अंतर्गत मालदा जिले में 159वीं वाहिनी की सीमा चौकी इटाघाटी इलाके में मंगलवार रात करीब 10 बजे घटी। घटनास्थल से छह मवेशियों सहित एक टार्च, एक मोबाइल फोन, दो धारदार दाह और लाठी भी जब्त की गई हैं। तस्कर मवेशियों को भारत से बांग्लादेश ले जाने की कोशिश कर रहे थे। बीएसएफ के जनसंपर्क अधिकारी व डीआइजी एके आर्य ने बताया कि जब जवान ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो तस्करों ने धारदार हथियारों से उनपर हमला कर दिया। जवान ने किसी तरह से अपनी जान बचाते हुए आत्मरक्षा में फायर की, जिसमें तस्कर मारा गया। मारे गए तस्कर की पहचान शैफुल, गांव- रोखनपुर, जिला- चपाइनवाबगंज, बांग्लादेश के रूप में हुई है।
बीएसएफ से मिली जानकारी के अनुसार, सीमा चौकी इटाघाटी के जवानों को सूचना मिली कि कुछ तस्कर मवेशियों को बांग्लादेश ले जाने की फिराक में हैं। रात में गश्त कर रहे जवान ने अचानक बार्डर रोड पर छह से सात मवेशियों के साथ लगभग 8-10 तस्करों की संदिग्ध गतिविधि देखी, जो तेज धार वाले हथियार (दाह), तलवारें व लाठियों से लैस थे। जवान ने तस्करों को रुकने की चुनौती दी, लेकिन तस्कर आक्रामक रूप से जवान की ओर बढ़े। तभी 20 से 25 और तस्कर बांग्लादेश की ओर से वहां आ गए। उन्होंने जवान के चेहरे और आंखों पर लाइटें जलाकर उसे अंधा और अप्रभावी बनाने का प्रयास किया।

जवान को चारों तरफ से घेर लिया था

जवान ने फिर से उन्हें चेतावनी दी लेकिन तस्कर नहीं रूके। फिर जवान ने हवा में तीन राउंड और जमीन में तीन राउंड फायर किए। लेकिन तस्करों ने जवान को घेरना जारी रखा और उसके काफी नजदीक आ गए। जान को खतरे में देख जवान ने आत्मरक्षा में तस्करों पर फिर से चार राउंड फायरिंग की। इस पर तस्कर अंधेरे का फायदा उठाकर मवेशियों को छोड़कर बांग्लादेश की ओर भाग गए। बाद में इलाके की तलाशी ली तो एक तस्कर मृत अवस्था में मिला। घटनास्थल से छह मवेशी व अन्य सामान भी मिले। अधिकारी ने बताया कि इस इलाके में पिछले एक हफ्ते के भीतर यह दूसरी घटना है जब मवेशी तस्करों ने जवानों पर जानलेवा हमला किया है।

बांग्लादेशी तस्कर अक्सर जवानों पर करते हैं हमले : बीएसएफ डीआइजी

बीएसएफ डीआइजी आर्य ने बताया कि पशु तस्करी के संबंध में बांग्लादेश बार्डर गार्ड (बीजीबी) को बार-बार विरोध पत्र लिखने के बावजूद बांग्लादेशी तस्कर/बदमाश जानबूझकर मवेशियों की तस्करी की कोशिश कर रहे हैं और सीमा की रक्षा कर रहे बीएसएफ जवानों पर आए दिन हमले करते रहते हैं। इस साल बांग्लादेशी तस्करों द्वारा बीएसएफ पर हमले के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें बीते 26 मार्च को भी हमला किया गया था, जिसमे एक जवान घायल हुआ था। इसके अलावा एक अन्य जवान ने ऐसे ही हमले में अपना हाथ लगभग खो दिया, दूसरे जवान की पूरी तरह से आंख की रौशनी चली गई और कई अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हुए है। उन्होंने बताया कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ के जवान अपनी जान की परवाह किए बिना सतर्कता से ड्यूटी करते हैं। जब तस्कर अपने नापाक मंसूबों में कामयाब नहीं होते तो वे जवानों पर जानलेवा हमला कर देते हैं। जवान अपनी और सरकारी संपत्ति की सुरक्षा के साथ तस्करी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप तस्करों को कभी-कभी गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं।

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